वीके सिंह का बयान अगर दलित विरोधी हुआ तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी – डॉक्टर वेरका

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अमृतसर 23 अक्टूबर (धर्मवीर गिल लाली)फरीदाबाद में दलित बच्चों को जिंदा जलाए जाने की घटना पर विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के विवादित बयान ” यदि कोई कुत्ते को पत्थर मार दे तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है”, तथा ” केंद्र सरकार का दलित बच्चों की मौत से कुछ लेना-देना नहीं है ” पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए इसकी निंदा की है। आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार वेरका ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस बयान की आयोग जांच करेगा और अगर इस बयान में दलितों के प्रति विरोधता नज़र आएगी तो आयोग वीके सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी करेगा। 

हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब वीके सिंह ने कोई विवादित बयान दिया हो इससे पहले भी वह कई मौकों पर विवादित बयान देकर फंस चुके हैं। डॉक्टर वेरका ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि केंद्रीय मंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि किसे कुत्‍ता कहा और किसे पत्‍थर कहा, यह उन्‍हें बताना चाहिए। 

डॉक्टर वेरका ने कहा कि हरियाणा में दलित उत्पीड़न के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी अभी उन्हें हरियाणा के गोहाना जिले से शिकायत मिली है कि एक दलित लड़के को पुलिस पूछताछ करने थाना ले गयी और वहां उसको इतना पीटा गया कि उसकी मौत हो गई। 

हैरानी की बात है सुनील कुमार नामक लड़के की उम्र सिर्फ 12 साल थी और किसी लेन देन के झगडे में 21 अक्टूबर की रात को पुलिस पूछताछ के लिए थाना ले गयी और आधी रात को उसकी बॉडी को उसके घर छोड़ गयी। डॉक्टर वेरका ने बताया कि उन्होंने आयोग की एक टीम गोहाना में भेज दी है और वहां जाकर सारे मामले की जानकारी ली जाएगी।

डॉक्टर वेरका ने कहा कि दलितों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे और ऊपर से केंद्रीय मंत्रियों की दलितों के प्रति बेरूखी बहुत ही दर्दनाक है। इन्हे तो दलित परिवारों से हमदर्दी होनी चाहिए क्योंकि ये वर्ग समाज में सबसे कमजोर है। आयोग ऐसे बयानों की निंदा करता है और ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए हमेशा तत्पर रहेगा चाहे वो कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो ?