व्यापम के हर फर्जीवाड़े में सबूत तलाष रही सीबीआई।

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ग्वालियर।१३ दिसंबर [सीएनआईब्यूरो ] व्यापम परीक्षा के फर्जीवाड़े में हर मामले में सीबीआई बड़ी बारीकी से जांच कर रही है। इसमें सीबीआई ने कुछ ऐसे मामले भी छांटे हैं, जिनमें पुलिस ने आरोपियों के हस्ताक्षर के व अंगूठे के निषान को जांच के लिये नहीं भेजा। उक्त मामलों में पुनः जांच के लिये सीबीआई ने कोर्ट से अनुमति मांगी है। आरक्षक उपनिरीक्षक पीआरसीटी भर्ती परीक्षाओं से संबंधित कई ऐसे मामले हैं, जिसमें पुलिस ने 419, 420 जैसी सामान्य धाराएं लगाने के कारण इनकी सुनवाई मजिस्ट्रेट कोर्ट में लंबित है। पुलिस ने इन धाराओं के अंतर्गत ही विवेचना की। जबकि व्यापम के कई अन्य मामलों में गंभीर धाराएं बढ़ा दी गईं। अब सीबीआई इन मामलों की पुनः जांच करेगी। सूबेदार उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में परीक्षार्थी उपेन्द्र कुषवाह ने दो जगह परीक्षा फॉर्म भरे, इसमें दोनों जगह परीक्षा दी गई। कोतवाली पुलिस ने 419, 420 आदि धाराओं में मामला दर्ज किया, लेकिन इसमें अंगूठा व हस्ताक्षर को सीएफएसएल जांच के लिये लैब नहीं भेजा। सीबीआई उक्त मामले को पुनः जांच में लेने के लिये जेएमएमएससी कोर्ट में आवेदन लगायेगी। व्यापम की एक परीक्षा में मनोज शाक्य के स्थान पर काजी वकास अहमद ने परीक्षा दी। षिवपुरी पुलिस ने 419, 420 के तहत मामला दर्ज किया। इसी प्रकार अन्य मामले में चिल्ड्रन हा.से. स्कूल में पीआरसीटी 2013 की परीक्षा में लक्ष्मण सिंह के स्थान पर धर्मेन्द्र कुमार ने परीक्षा दी थी। मुरार पुलिस ने 419, 420 आदि के तहत मामला दर्ज किया। सीबीआई उक्त सभी मामलों में फिर से जांच की अनुमति कोर्ट से मांग रही है। इसी प्रकार आरक्षक भर्ती परीक्षा में एक आरोपी के दो जगह परीक्षा देने की जांच फिर से की जायेगी। आरक्षक भर्ती परीक्षा में आरोपी जितेन्द्र सिंह ने दो जगह से परीक्षा फार्म भरा और दोनों जगह परीक्षाएं दी गईं। कैलारस पुलिस ने मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने उक्त मामले में भी जांच का आवेदन कोर्ट को दिया है।cbi vyapam pmt