ग्वालियर17 जुलाई ( द्धारका हुकवानी )
ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगलपीठ ने व्यापमकांड के आरोपियों की जमानत को लेकर फिर से नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता श्री प्रबल प्रताप सिंह सोलंकी को निर्देषित किया है कि जमानत में पैरवी के लिये सरकार का क्या रूख है स्पष्ट करें। और सीबीआई से भी इस संबंध में मार्ग दर्षन लें, इस निर्देष के बाद श्री सोलंकी ने पैरवी को लेकर सीबीआई को पत्र लिखकर जानकारी चाही है। हाईकोर्ट में 7 आरोपियों की जमानत की सुनवाई थी, लेकिन न केस डायरियां आईं, न सीबीआई की ओर से कोई वकील उपस्थित हुआ। उसके चलते जमानतों पर सुनवाई नहीं हो सकी। शासकीय अधिवक्ता सोलंकी ने कोर्ट को बताया कि चूंकि हमें प्रदेष के केसों में पैरवी का अधिकारी है सीबीआई के केसों में भारत सरकार के वकीलों को पैरवी का अधिकार है। इसलिये केसों में पैरवी नहीं कर सकते। हाईकोर्ट ने निर्देष दिये कि पत्र भेजकर राज्य सरकार और सीबीआई का रूख लें कि केसों में पैरवी कौन करेगा।
ग्वालियर17 जुलाई ( द्धारका हुकवानी )
ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगलपीठ ने व्यापमकांड के आरोपियों की जमानत को लेकर फिर से नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता श्री प्रबल प्रताप सिंह सोलंकी को निर्देषित किया है कि जमानत में पैरवी के लिये सरकार का क्या रूख है स्पष्ट करें। और सीबीआई से भी इस संबंध में मार्ग दर्षन लें, इस निर्देष के बाद श्री सोलंकी ने पैरवी को लेकर सीबीआई को पत्र लिखकर जानकारी चाही है। हाईकोर्ट में 7 आरोपियों की जमानत की सुनवाई थी, लेकिन न केस डायरियां आईं, न सीबीआई की ओर से कोई वकील उपस्थित हुआ। उसके चलते जमानतों पर सुनवाई नहीं हो सकी। शासकीय अधिवक्ता सोलंकी ने कोर्ट को बताया कि चूंकि हमें प्रदेष के केसों में पैरवी का अधिकारी है सीबीआई के केसों में भारत सरकार के वकीलों को पैरवी का अधिकार है। इसलिये केसों में पैरवी नहीं कर सकते। हाईकोर्ट ने निर्देष दिये कि पत्र भेजकर राज्य सरकार और सीबीआई का रूख लें कि केसों में पैरवी कौन करेगा।