लुधियाना : 18 दिसम्बर (सी एन आई) सोमवार भगवान शिव एवं भगवान चंद्र को समर्पित दिन है। भगवान चंद्र को शास्त्रो में मन का कारक कहा गया है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या इस लिए सोमवती अमावस्या कहलाती है। यह अमावस्या बड़े भाग्य से पड़ती है और महा कल्याणकारी होती है। इस दिन पवित्र नदियों में श्रद्धा पूर्वक स्नान करने का बहुत महत्व है। पांडव अपने पूर्ण जीवन काल मे इस अमावस्या के लिए तरसते रहे। यह शब्द श्री प्रेम धाम आश्रम के संचालक स्वामी श्री श्री 108 मुकेशानंद गिरी जी महाराज ने हरिद्वार में अपने गुरुदेव महा संत स्वामी श्री नरेन्द्र गिरी जी महाराज(अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद) एवम अन्य संतों के साथ गंगा स्नान करने के पश्चात कहे। इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा निरंजनी के अन्य संतो के साथ सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए विचार विमर्श भी किया गया। इस अवसर पर आशुतोष गिरी जी विष्णु गिरी जी, दीपेंद्र गिरी जी, लक्ष्मण गिरी जी ,मनीष गिरी जी , सुमित गोयल,योगेश गोयल शैली,राजिंदर सिंह भी उपस्थित थे,
लुधियाना : 18 दिसम्बर (सी एन आई) सोमवार भगवान शिव एवं भगवान चंद्र को समर्पित दिन है। भगवान चंद्र को शास्त्रो में मन का कारक कहा गया है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या इस लिए सोमवती अमावस्या कहलाती है। यह अमावस्या बड़े भाग्य से पड़ती है और महा कल्याणकारी होती है। इस दिन पवित्र नदियों में श्रद्धा पूर्वक स्नान करने का बहुत महत्व है। पांडव अपने पूर्ण जीवन काल मे इस अमावस्या के लिए तरसते रहे। यह शब्द श्री प्रेम धाम आश्रम के संचालक स्वामी श्री श्री 108 मुकेशानंद गिरी जी महाराज ने हरिद्वार में अपने गुरुदेव महा संत स्वामी श्री नरेन्द्र गिरी जी महाराज(अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद) एवम अन्य संतों के साथ गंगा स्नान करने के पश्चात कहे। इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा निरंजनी के अन्य संतो के साथ सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए विचार विमर्श भी किया गया। इस अवसर पर आशुतोष गिरी जी विष्णु गिरी जी, दीपेंद्र गिरी जी, लक्ष्मण गिरी जी ,मनीष गिरी जी , सुमित गोयल,योगेश गोयल शैली,राजिंदर सिंह भी उपस्थित थे,