समाज में बौद्धिक युद्ध की जरूरत : अमरेंद्र सिंह
लॉ भवन में भ्रष्टाचार पर मंथन के लिए जुटे देशभर के दिग्गज
चंडीगढ़ ; 15 अक्टूबर ; आरके शर्मा /करण शर्मा /मोनिका शर्मा ;—-समाज में बौद्धिक युद्ध की जरूरत है। कमरे से बाहर निकल कर सार्वजनिक मंचों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज मुखुर करने का समय आ चुका है। यह बात मुख्यमंत्री हरियाणा के ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने सेक्टर ३७ स्थित लॉ भवन में आयोजित विकासशील भारत में भ्रष्टाचार एक चुनौती विषय पर मानवाधिकार एवं न्यायिक संस्थान द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में बतौर विशिष्ट अतिथि कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल भारत सरकार सत्यपाल जैन ने की। मुख्य वक्ता के तौर पर वरिष्ठ प्रचार एवं सीएचआरजे के संस्थापक सुरेश जैन शामिल हुए।
ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने कहा कि हम सिर्फ अपने अधिकार की लड़ाई लड़ते हंै। समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करते। जब तक हम समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करेंगे तब तक हमारे सामने भ्रष्टाचार एक चुनौती के रूप में सामने खड़ा रहेगा। हमें संवेदनशीलता के साथ सोचना होगा। अपनी सोच में समाज के प्रति समर्पणभाव लाना होगा। हमें अपने देश के प्रति ऐसा समर्पण भाव रखना है जैसा हनुमान जी के मन में माता सीता और श्रीराम के प्रति था। उन्होंने अपना सीना चीर कर यह दिखा दिया था कि यदि किसी का समर्पण अपने भगवान के प्रति सच्चा होता है तो वे उनके अंदर वास करते हैं। अमरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अपने दायित्व के प्रति गंभीर होना होगा। काम के प्रति समर्पण रखना होगा और हमारा ध्येय ईमानदारी के प्रति होना चाहिए।
मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्रचार एवं सीएचआरजे के संस्थापक सुरेश जैन ने कहा कि विकासशील भारत में भ्रष्टाचार पर अंकुश बहुत जरूरी है। अक्सर देखने में आता है कि पड़ोसी की सुविधा देख कर पड़ोसी भ्रष्टाचार की तरफ अग्रसर होता है। झूठी प्रतिष्ठता के चक्कर में वह यह भूल जाता है कि वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि देश को स्मृद्ध बनाने के लिए हर वर्ग को ईमानदारी से काम करना होगा तभी भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकता है। युवाओं को यदि काम करने का मौका मिले तो उन्हें उत्कृष्ट कार्य कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार बुराई नहीं प्रवृति है। युवाओं में संस्कार बढ़ाने होंगे। कानून की पालना सिखानी होगी तभी भ्रष्टाचार रूकेगा। नई पीढ़ी में व्यक्तित्व का विकास करना होगा। जैन ने बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में जिस वक्त समाजसेवी अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा था उस वक्त कांग्रेस मानवाधिकारों का हनन कर रही थी। लोगों के अधिकारों का हनन न हो इसलिए इस वक्त मानवाधिकार व न्यायिक संस्थान की स्थापना की गई थी। इस संस्थान में जानी-मानी हस्तियों में जस्टिस कोकजे सुब्रहमणयम स्वामी, प्रेम शारदा जैसे लोगों को जोड़ा गया था। हमारा यह भी प्रयास है कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त न्यायालय मिले।
इस मौके पर कार्यक्रम के अध्यक्ष सत्यपाल जैन ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का आगाज हो चुका है। अब इसे अंजाम तक पहुंचाने का समय आ चुका है। भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गई इस लड़ाई में हर व्यक्ति को आहूति डालनी चाहिए ताकि हमारा देश बुलंदियां छू सके। इस मौके पर जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश शर्मा, सोमदत्त वाजपेयी, डा. कृष्ण कुमार, एडवोकेट प्रवीण अग्रवाल, एडवोकेट राहुल मोहन, आशीष यादव, सिद्धार्थ सनवारिया, रमेश, आशीष यादव, हिम्मत सिंह, महेश इंद्र सिंह, गुरदास और मंजीत सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
समाज में बौद्धिक युद्ध की जरूरत : अमरेंद्र सिंह
लॉ भवन में भ्रष्टाचार पर मंथन के लिए जुटे देशभर के दिग्गज
चंडीगढ़ ; 15 अक्टूबर ; आरके शर्मा /करण शर्मा /मोनिका शर्मा ;—-समाज में बौद्धिक युद्ध की जरूरत है। कमरे से बाहर निकल कर सार्वजनिक मंचों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज मुखुर करने का समय आ चुका है। यह बात मुख्यमंत्री हरियाणा के ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने सेक्टर ३७ स्थित लॉ भवन में आयोजित विकासशील भारत में भ्रष्टाचार एक चुनौती विषय पर मानवाधिकार एवं न्यायिक संस्थान द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में बतौर विशिष्ट अतिथि कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल भारत सरकार सत्यपाल जैन ने की। मुख्य वक्ता के तौर पर वरिष्ठ प्रचार एवं सीएचआरजे के संस्थापक सुरेश जैन शामिल हुए।
ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने कहा कि हम सिर्फ अपने अधिकार की लड़ाई लड़ते हंै। समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करते। जब तक हम समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करेंगे तब तक हमारे सामने भ्रष्टाचार एक चुनौती के रूप में सामने खड़ा रहेगा। हमें संवेदनशीलता के साथ सोचना होगा। अपनी सोच में समाज के प्रति समर्पणभाव लाना होगा। हमें अपने देश के प्रति ऐसा समर्पण भाव रखना है जैसा हनुमान जी के मन में माता सीता और श्रीराम के प्रति था। उन्होंने अपना सीना चीर कर यह दिखा दिया था कि यदि किसी का समर्पण अपने भगवान के प्रति सच्चा होता है तो वे उनके अंदर वास करते हैं। अमरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अपने दायित्व के प्रति गंभीर होना होगा। काम के प्रति समर्पण रखना होगा और हमारा ध्येय ईमानदारी के प्रति होना चाहिए।
मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्रचार एवं सीएचआरजे के संस्थापक सुरेश जैन ने कहा कि विकासशील भारत में भ्रष्टाचार पर अंकुश बहुत जरूरी है। अक्सर देखने में आता है कि पड़ोसी की सुविधा देख कर पड़ोसी भ्रष्टाचार की तरफ अग्रसर होता है। झूठी प्रतिष्ठता के चक्कर में वह यह भूल जाता है कि वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि देश को स्मृद्ध बनाने के लिए हर वर्ग को ईमानदारी से काम करना होगा तभी भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकता है। युवाओं को यदि काम करने का मौका मिले तो उन्हें उत्कृष्ट कार्य कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार बुराई नहीं प्रवृति है। युवाओं में संस्कार बढ़ाने होंगे। कानून की पालना सिखानी होगी तभी भ्रष्टाचार रूकेगा। नई पीढ़ी में व्यक्तित्व का विकास करना होगा। जैन ने बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में जिस वक्त समाजसेवी अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा था उस वक्त कांग्रेस मानवाधिकारों का हनन कर रही थी। लोगों के अधिकारों का हनन न हो इसलिए इस वक्त मानवाधिकार व न्यायिक संस्थान की स्थापना की गई थी। इस संस्थान में जानी-मानी हस्तियों में जस्टिस कोकजे सुब्रहमणयम स्वामी, प्रेम शारदा जैसे लोगों को जोड़ा गया था। हमारा यह भी प्रयास है कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त न्यायालय मिले।
इस मौके पर कार्यक्रम के अध्यक्ष सत्यपाल जैन ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का आगाज हो चुका है। अब इसे अंजाम तक पहुंचाने का समय आ चुका है। भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गई इस लड़ाई में हर व्यक्ति को आहूति डालनी चाहिए ताकि हमारा देश बुलंदियां छू सके। इस मौके पर जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश शर्मा, सोमदत्त वाजपेयी, डा. कृष्ण कुमार, एडवोकेट प्रवीण अग्रवाल, एडवोकेट राहुल मोहन, आशीष यादव, सिद्धार्थ सनवारिया, रमेश, आशीष यादव, हिम्मत सिंह, महेश इंद्र सिंह, गुरदास और मंजीत सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।