ग्वालियर।१२ दिसंबर [सीएनआईब्यूरो ]म.प्र. राज्य परिवहन की सरकारी बसें बंद होने से प्रदेष की 6 करोड़ से अधिक जनता परेषान हैं। आसपास के राज्यों में सरकारी बसें चल रही हैं, लेकिन म.प्र. में 8-10 साल से कुछ भ्रष्ट लोगों के कारण राज्य परिवहन सरकार ने बंद कर दिया था, लोगों का कहना हैं कि जब म.प्र. की सरकार षिवराज सिंह चला सकते हैं तो एक निगम चलाने के लिये, इच्छा शक्ति क्यों नहीं बनाते। क्या दबंग ईमानदार अधिकारियों की कमी हैं। अभी ग्वालियर बस स्टेंड पर प्रतिदिन सुबह से शाम तक दो सौ बसें आती-जाती हैं, इन बसों से हजारों यात्री आवागमन करते हैं, इसके बाबजूद भी बस स्टेंड पर यात्रियों के लिये कोई सुविधा नही हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं, बुजुर्गों को होती है। नगर निगम के पास देखरेख का जिम्मा हैं, लेकिन अंधेरा, गंदगी, टूटी कुर्सियां गंदा पानी और कीचड़ से यात्री परेषान होते हैं। बैंचों से सीट गायब हो गई है। बस स्टेंड पर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेष की कई बसें आती हैं, उसमें बैठे यात्रियों के सामने ग्वालियर बस स्टेंड की क्या इमेज जाती होगी, यह समझा जा सकता है। यही हाल मुरैना, दतिया, डबरा एवं आसपास के नगरों भिंड, मेहगांव, पोरसा आदि के बस स्टेंडों का है। जहां हालात अत्यंत खराब हैं। जोनल ऑफीसर राजू गोयल का कहना हैं कि शीघ्र ही व्यवस्थाएं सुधर जायेंगी।
ग्वालियर।१२ दिसंबर [सीएनआईब्यूरो ]म.प्र. राज्य परिवहन की सरकारी बसें बंद होने से प्रदेष की 6 करोड़ से अधिक जनता परेषान हैं। आसपास के राज्यों में सरकारी बसें चल रही हैं, लेकिन म.प्र. में 8-10 साल से कुछ भ्रष्ट लोगों के कारण राज्य परिवहन सरकार ने बंद कर दिया था, लोगों का कहना हैं कि जब म.प्र. की सरकार षिवराज सिंह चला सकते हैं तो एक निगम चलाने के लिये, इच्छा शक्ति क्यों नहीं बनाते। क्या दबंग ईमानदार अधिकारियों की कमी हैं। अभी ग्वालियर बस स्टेंड पर प्रतिदिन सुबह से शाम तक दो सौ बसें आती-जाती हैं, इन बसों से हजारों यात्री आवागमन करते हैं, इसके बाबजूद भी बस स्टेंड पर यात्रियों के लिये कोई सुविधा नही हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं, बुजुर्गों को होती है। नगर निगम के पास देखरेख का जिम्मा हैं, लेकिन अंधेरा, गंदगी, टूटी कुर्सियां गंदा पानी और कीचड़ से यात्री परेषान होते हैं। बैंचों से सीट गायब हो गई है। बस स्टेंड पर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेष की कई बसें आती हैं, उसमें बैठे यात्रियों के सामने ग्वालियर बस स्टेंड की क्या इमेज जाती होगी, यह समझा जा सकता है। यही हाल मुरैना, दतिया, डबरा एवं आसपास के नगरों भिंड, मेहगांव, पोरसा आदि के बस स्टेंडों का है। जहां हालात अत्यंत खराब हैं। जोनल ऑफीसर राजू गोयल का कहना हैं कि शीघ्र ही व्यवस्थाएं सुधर जायेंगी।