सरकार को धनकुबेर बनाने वाले आयकर विभाग की कोई नहीं सुनता ; कौशल /वधवा

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सरकार को धनकुबेर बनाने वाले आयकर विभाग की कोई नहीं सुनता ; वधवा
चंडीगढ़ ; आरके शर्मा राज ;—-आज देश भर में प्रगति, विकास और आधुनिकता सहित स्मार्टनेस और नए नए आयामों के नारे गूंज रहे हैं ! हर और हर क्षेत्र में क्रांति की बातों की बयार बह रही है ! पर आज देश भर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट [आय कर विभाग ] की देश व्यापी कामयाब रही एक दिवसीय हड़ताल ने उपरोक्त सब नारों की हवा निकाल डाली है; ये विचार हमारे संवाद दाता के साथ खन्ना में कार्यरत अधिकारी दविंदर वधवा [आई टी डिपार्टमेंट ] ने सांझे किये हैं ! वधवा के मुताबिक अगर संबंधित मंत्रालय अधिकारीयों और कर्मचारियों की चिरलम्बित मांगों की ओर यथोचित ध्यान दे देती तो आज की हड़ताल से सरकारी खजाने को होने वाला कई करोड़ों रूपये की हानि बच सकती थी ! आज की हड़ताल के पीछे क्या क्या चिरलम्बित मांगें अटकी हुई हैं के बारे में क्रमश और विस्तार से बताते हुए चंडीगढ़ में इनकम टैक्स विभाग की इनकम टैक्स एम्प्लाइज फेडरेशन चंडीगढ़ के प्रधान राजीव के. ने बताया कि ये मांगें सिर्फ चंडीगढ़ के आई टी डिपार्टमेंट की ही नहीं बल्कि समूचे देश के कोने कोने में कार्यरत अफसरों और कर्मियों से संबंधित हैं ! मुख्य मांगों में से प्राथमिकता के आधार पर सुलटाने वाकई मांगों में सहायक आयकर आयुक्त के कैडर में सभी रिक्तियों के लिए और भर्ती वर्ष 2015-16 तक तुरंत की जाए। और सभी संवर्गों में भर्ती वर्ष 2015-16 के लिए डीपीसी संबन्धित प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त द्वारा तुरंत की जाए ! सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करें ! जैसे की आधुनिक फर्नीचर के साथ पर्याप्त स्थान, नोड्स के साथ कंप्यूटर स्थापित आदि करवाना । कार्यालय के नियमित कार्य /डेटा प्रविष्टि काम की आउटसोर्सिंग रोकने के लिए तुरंत सभी रिक्त पदों को भरने के लिए पहल की जाए । उक्त विभाग में आज की तारीख में 10 साल पूरा कर चुके रोजाना भुगतान श्रमिकों को एमटीएस पदों के विरुद्ध नियमित करने के लिए सरकार कारगर कदम उठायें । ग्रुप बी और सी के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के भर्ती नियमों को तुरंत अंतिम रूप दे कर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाये !
वधवा ने कहा सरकार यूनियनों के लीडरों को छकाने की बजाए टेबल टॉक करे और किसी ठोस नतीजे पर पहुंचे ! यूनियनों के पदाधिकारियों ने शिकवा भरे लहजे में कहा बड़ी हैरत है कि सरकारी खजाने को धन कुबेर बनाने वाले आयकर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आदि नैतिकता और कानूनी तौर पर उचित कार्यवाही करके उनकी लम्बित मांगों को मानकर उनको लाभान्वित करने की राह जोह रहे हैं ! आखिर सरकार उनकी अनदेखी किस आधार पर कर रही है ! अब अगर सरकार फिर भी कुम्भकर्णी नींद से जाएगी तो मजबूरन कोई बड़ा कदम उठाना ही हितकर होगा !