ग्वालियर। 28 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) व्यापम घोटाले के लिये रसूखदारों के लिये खतरे की घंटी बज गई है। सीबीआई ने जांच पड़ताल शुरू करते हुये, इस मामले में बड़े सूत्रधार योगेष चन्द्र उपरीत से पूछताछ की अनुमति कोर्ट से ले ली है। डीमेट के पूर्व नियंत्रक उपरीत से पूछताछ की अनुमति के लिये सीबीआई के इंस्पेक्टर ने अधिवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव के जरिये अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एके सिंह की अदालत में आवेदन देकर प्रकरण क्रमांक 285/2014 में पूछताछ करने की अनुमति मांगी। जिस पर कोर्ट ने अनुमति दे दी। अब सीबीआई कभी भी पूछताछ कर सकती है। सूत्रों के अनुसार आषीष चतुर्वेदी द्वारा 16 जुलाई 2014 को 2011 में प्री-पीजी में हुये घोटाले की रिपोर्ट की थी, इस रिपोर्ट पर पुलिस ने पूर्व में गुलाब सिंह किरार, डाॅ0 बीआर श्रीवास्तव, पंकज त्रिवेदी, सुधीर सिंह भदौरिया, शक्ति प्रताप सिंह किरार, विषाल यादव को आरोपी बनाया था। 3 जून से न्यायिक हिरासत में उपरीत हैं, पूछताछ में उपरीत ने जो राज व नाम उगले थे, उस समय पुलिस के हाथ पांव उससे फूल गये थे, पुलिस ने इस जांच को केवल पीएमटी तक सीमित रखा था, जबकि डीमेट के बड़े राज उसने उगले थे। पुलिस की इस प्रकार की जांच के कारण सीबीआई के पास पहुंये इस मामले में अब डीमेट के बड़े खुलासे की उम्मीद है
ग्वालियर। 28 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) व्यापम घोटाले के लिये रसूखदारों के लिये खतरे की घंटी बज गई है। सीबीआई ने जांच पड़ताल शुरू करते हुये, इस मामले में बड़े सूत्रधार योगेष चन्द्र उपरीत से पूछताछ की अनुमति कोर्ट से ले ली है। डीमेट के पूर्व नियंत्रक उपरीत से पूछताछ की अनुमति के लिये सीबीआई के इंस्पेक्टर ने अधिवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव के जरिये अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एके सिंह की अदालत में आवेदन देकर प्रकरण क्रमांक 285/2014 में पूछताछ करने की अनुमति मांगी। जिस पर कोर्ट ने अनुमति दे दी। अब सीबीआई कभी भी पूछताछ कर सकती है। सूत्रों के अनुसार आषीष चतुर्वेदी द्वारा 16 जुलाई 2014 को 2011 में प्री-पीजी में हुये घोटाले की रिपोर्ट की थी, इस रिपोर्ट पर पुलिस ने पूर्व में गुलाब सिंह किरार, डाॅ0 बीआर श्रीवास्तव, पंकज त्रिवेदी, सुधीर सिंह भदौरिया, शक्ति प्रताप सिंह किरार, विषाल यादव को आरोपी बनाया था। 3 जून से न्यायिक हिरासत में उपरीत हैं, पूछताछ में उपरीत ने जो राज व नाम उगले थे, उस समय पुलिस के हाथ पांव उससे फूल गये थे, पुलिस ने इस जांच को केवल पीएमटी तक सीमित रखा था, जबकि डीमेट के बड़े राज उसने उगले थे। पुलिस की इस प्रकार की जांच के कारण सीबीआई के पास पहुंये इस मामले में अब डीमेट के बड़े खुलासे की उम्मीद है