1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया -तोमर

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ग्वालियर१६ सितम्बर [सी एन आई]डबरा के पास टेकनपुर सीसुबल अकादमी मेें हिन्दी दिवस भव्य समारोह में शैलेन्द्र सिंह तोमर निदेशक अकादमी ने अधिकारियों, कार्मिकों एवं पुरस्कार विजेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया है, जिसके अनुसार सन् 1966 तक सभी कार्य हिन्दी में होना सुनिश्चित थे, लेकिन यह संभव नहीं हो सका, जिसका कारण भारत जैसे विशाल राष्ट्र में कुछ दूरी पर ही भाषा/बोली में विभिन्नता है। वर्तमान में हिन्दी के वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है जो अच्छा संकेत है। इसके इतिहास को देखें तो पता लगता है कि 16 वी शताब्दी भक्तिवाद का युग था और इस युग में शिहिन्दी भाषण को बढ़ावा मिला।
हिन्दी के प्रचार-प्रसार में सिनेमा की भी बड़ी अहम भूमिका है। विश्व के अन्य देशों में हिन्दी सिनेमा जगत की लोकप्रियता के चलते हिन्दी भाषा की फि ल्मों एवं नाट्य चरित्रों को पसन्द किया जाता है। हिन्दी एक सरल एवं सहज भाषाा है, यह जैसे बोली जाती है, वैसे ही लिखी भी जाती है। अत: निदेशक श्री तोमर ने समस्त उपस्थित कार्मिकों से अधिकाधिक कार्य हिन्दी में करने का आह्वान किया। अन्त में निदेशक श्री तोमर ने अकादमी के सभी उपस्थित, विशेषकर पुरस्कार प्राप्त कार्मिकों को हिन्दी दिवस की बधाई प्रेशित की।
दरअसल,सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर में 01 से 15 सितंबर 2015 तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। हिंदी दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। समारोह के दौरान राजभाषा अधिकारी एच एन जोषी, द्वितीय कमान अधिकारी ने बीते वर्ष हिंदी में किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए हिंदी की मुख्य गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
्र इस पखवाड़े के दौरान हिंदी भाषी, हिंदीतर भाषी, लिपिक वर्ग तथा अलिपिक वर्ग के लिए हिंदी निबंध, टंकण एवं श्रुतलेख प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं। इन प्रतियोगिताओं में कार्मिकों ने बढ-चढ़कर हिस्सा लिया तथा प्रतियोगिता में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आए प्रतिभागियों को अकादमी निदेशक द्वारा हिंदी दिवस समारोह के दौरान नकद पुरस्कार प्रदान किए गए।
वर्ष 2014-15 के दौरान सरकारी कामकाज मूल रूप से हिंदी में करने के लिए प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कुल 10 कार्मिकों को नकद पुरुस्कार प्रदान किए गए। राजभाषा शील्ड योजना के अंतर्गत हिंदी में सर्वाधिक कार्य के लिए सेनवोस्टो को प्रथम पुरस्कार एवं बीआईडीआर को द्वितीय पुरस्कार बतौर अकादमी राजभाशा शील्ड प्रदान की गयी।
इस कार्यक्रम में निदेशक अकादमी के अतिरिक्त डॉ. टी एन मिश्रा महानिरीक्षक (चिकित्सा), पी एस बेन्स, डीआईजी, अमरजीत सिंह, डीआईजी, ई जे बेनैट, डीआईजी, बी एस रावत, डीआईजी/मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, मुकेश त्यागी, कमाण्डेंट, के एस राणा, कमाण्डेंट एवं अन्य अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी तथा कार्मिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन निरीक्षक हिन्दी अनुवादक अशोक बख्शी द्वारा किया गया।bsf hindi acadmi