……………उत्तरो पर चुप्पियाॅ मिली

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0 शरदपूर्णिमा पर ज्ञानदीप में हुआ कवि सम्मेलन
फिरोजाबाद। ज्ञानदीप सीनियर सैकन्डरी पब्लिक स्कूल शिकोहाबाद में जनकवि नारायण दास निर्झर के सम्मान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर काव्योत्सव का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता उप्र रत्न चक्रेश जैन ने की । मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला जज उमाशंकर शर्मा व ज्योत्सना शर्मा थे। विशिष्ठ अतिथि कैलाश चन्द्र जैन रहे। कार्यक्रम की शुरूआत माॅ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। आगरा आये कवि शिवसागर ने यूॅ कहा कि- आंिलंगन को व्याकुल है, चारो मीनारे ताज की, दो वाहे शाहजहाॅ की है, दो बाये मुमताज की। युवा कवि गंगाप्रसाद पाठक ने कहा कि -दिल के आयने मे जब चेहरा देखा तुम्हारा। ऐसा लगा जैसे कुदरत ने कुछ खास पेश किया हो। कवि डा विजय यादव ने काव्य पाठ करते हुये कहा कि -थामे थमता नहीं ,दिलों मे गुबार कब से है, मुल्क पीडित है जिससे चढा ये बुखार कब से है। कार्यक्रम संयोजिका डा रजनी यादव- माॅ का मन है गंगा पानी,माॅ की जिसने कदर ना जानी। आशा कुलश्रेष्ठ अंशू ने कहा कि चाॅदनी चाॅद की मुस्कान है,ऐसा लगा मुझको। निर्झर ने अपने अभिनन्दन और स्वागत पर आभार व्यक्त करते हुये कहा – प्रश्न का जबाब प्रश्न था ,उत्तरो पर चुप्पियाॅ मिली जो जहाॅ पडा हुआ मिला, वो वहाॅ के वास्ते ना था। इससे पूर्व सभी लोगो ने कवि निर्झर का शाॅल उडाकर व स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया। इस अवसर पर ऐके श्रीवास्तव,शिवकुमार शर्मा, राधेश्याम यादव, रमाशंकर गुप्ता, अर्पित अग्रवाल, पुलकित, दयाशंकर गुप्ता, अंकित, अजीत लाला, डा आरपी गुप्ता, राजेश गुप्ता आदि मौजूद थे। संचालन गीतकार विष्णु स्वरूप मिश्र ने किया।