शहीद नत्थू राम गौडसे का बलिदान दिवस 15 नवंबर को

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फोटो- शहीद नत्थू राम गौडसे (फाईल फोटो)
फोटो- शहीद नत्थू राम गौडसे (फाईल फोटो)
-अ.भा.हिं.म.सभा पंजाब द्वारा राज्यभर मे ́ मनाया जाएगा दिवस
अखिलेश बंसल, बरनाला :
अ१िल भारतीय हिन्दू महांसभा पंजाबद्वारा शहीद नत्थू राम गौडसे का बलिदान दिवस 15 नवंबर को मलाने का फैसला लिया गया है। यह जानकारी अ.भा.हिं.म.सभा पंजाब के प्रभारी करन अवतार कपिल एडवोकेट ने दी है। उन्होने बताया है कि देश के स्वाभिमान  की खातिर बलिदान देने वाले शहीद गौडसे देश के ऐसे पहले व्यकित थे। जिन्हे ́देश की स्वतंत्रता  के बाद पहली फांसी दी गई थी।
कौन थे शहीद गौडसे-
शहीद नत्थू राम गौडसे जिन्होने भारत को अखंड भारत निर्माण करने का सपना लिया था उन्होने महात्मा गांधी की अहिंसा के मार्ग पर चलले की थ्यौरी को स्वीकार लही ́ करते कहा था कि अहिंसा के राह पर चलना किसी नपुंसकता से दूर नही ́ है। जिसको लेकर शहीद गौडसे ले गांधी का 30 जनवरी 1948  को वध कर डाला था। महात्मा गांधी की हत्या के बाद  शहीद गौडसे ले पुलिस के समक्ष खुद पेश होकर व अदालत मे ́ जुर्म को कबूलते कहा था कि यदि मनुष्यो द्वारा बनाई गईं देश की अदालत से कोई ऊपरी अदालत होगी तो वह मेरी देश व जाति प्रेम की भावना को समझते गलत नही ́ समझेगी और मुझे नि :संकोच मुआफ ही करेगी। गौडसे ले यह भी कहा था कि मैने देश की भलाई के लिए कार्य किया। मैने उस समय गोली चलाई जब गांधी की नीती से 10 लाख हिंदुओं की निर्मम हत्या हो चुकी थी। आगे हिन्दुओं पर घोर संकट पैदा होने का आभास हुआ। उसके बाद श.गौडसे ने अनासक्त जीवन व्यतीत किया था।

फोटो- शहीद नत्थू राम गौडसे (फाईल फोटो)
फोटो- शहीद नत्थू राम गौडसे (फाईल फोटो)
फोटो- शहीद नत्थू राम गौडसे (फाईल फोटो)