6 दिन के अंदर बीएसएफ कैम्पस में करंट से दो नौजवानो क ी मौत

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ग्वालियर २९ सितम्बर [सी एन आई ] सीमासुरक्षा बल अकादमी के कैम्पस में दो नौजवानों की मौत ने अंचल में सनसनी फैला दी, पहली मौत 21 सितम्बर की रात्रि एक बजे हुई, तो दूसरी मौत रविवार की दोपहर डम्पर के ऊपर रेत उतारने पहुंचे, नौजवान की 11 केव्ही की लाईन से चिपकने के कारण हुई । जैसे ही रविवार की दोपहर नौजवान को 11 केव्ही तारो में पांच फीट डम्पर पर खड़े नौजवान को खींचा, चंद सैकडों में 11 केव्ही के करंट से नौजवान की मौके पर ही मौत हो गई, जैसे ही यह खबर नौजवान के परिजनों को लगी, मौके पर पहुंचे और मातम का माहौल छा गया । चूंकि घटना बीएसएफ कैम्पस के अंदर की थी इसलिए ज्यादा भीड़ न हो सकी, लेकिन टेकनपुर चौकी प्रभारी ने तत्काल मौके पर पहुंचकर नौजवान के शव को पंचनामा बनाने के बाद सीधे पीएम हाउस पहुंचे, जहां पीएम कराने के उपरांत पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए शव को परिजनों को सौंप दिया ।
सूत्रों के अनुसार सीसुबल अकादमी में लेबर का काम कर रहे अरमान खांन पुत्र लतीफ खांन 24 वर्ष बजरी से भरे डम्पर को खाली करने के लिए डम्पर के ऊपर चढा और जैसे ही अरमान डम्पर पर खडा हुआ, चंद सैकडों में डम्पर के ऊपर े से निकली 11 केव्ही की लाइन ने अरमान को पांच फीट नीचे से अपनी ओर खींच लिया । अरमान का शरीर 11 केव्ही के तारो से चिपक गया, कुछ देर बाद उसका शरीर 11 केव्ही के तारों से अलग हुआ और अन्य लोगों ने नीचे टपकते हुए अरमान के हाथों की नब्ज टटोलते ही अरमान की संास चलती हुई दिखाई दी, परिजन और लेबर के लोग तत्काल अरमान को घायल अवस्था में लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने नब्ज टटोलते ही अरमान को मृत घोषित कर दिया।
अरमान की मौत होते ही इस खबर से अकादमी के अंदर वरिष्ठ अधिकारियों के बीच सनसनी फैल गई, लेबर मे रूदन और चीख पुकार शुरू हो गयी, तत्काल जानकारी मिलने पर चौकी प्रभारी सब इन्सपेक्टर पप्पू यादव मौके पर पहुंचे, घटना स्थल का पूरा मौका मुआयना करने के बाद अरमान के शव को उठाकर डबरा पीएम हाउस लेकर पहुंचे और अरमान का पीएम कराने के उपरांत शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनो को सौंप दिया ।
सबाल इस बात का उठता है कि जहां 21 सितम्बर की रात्रि असिस्टेण्ड कमाण्डेंट अकादमी के रसोईये भीकम सिंह बघेल पुत्र बलराम बघेल 24 वर्ष निवासी रामपाल कॉलौनी की भी 11 केव्ही के तार से करंट लगने से मौत हुई थी, जिसके अभी पुलिस जांच कर रही है । लेकिन अहम मुद्दे की बात यह है कि छह दिन के अंदर दो नौजवानों की मौत से जहां अंचल में सनसनी फैली हुई है वहीं दूसरी ओर सूत्र बताते है कि वहीं दूसरी ओर इन दोनो घटनाओं पर सीसुबल अकादमी के कोई भी वरिष्ठ अधिकारी पुलिस के सामने कथन देने को तैयार नहीं है । जबकि दोनो हीे ये घटनाएं सीसुबल अकादमी के अंदर घटित हुई है ।
दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि जब सीबिलीयंश नौजवान की मौत अकादमी के कैम्पस में 11 केव्ही के तारों से करंट लगने से हो सकती है तो सीसुबल अकादमी में काम कर रहे, कर्मचारियों की सुरक्षा कैसे होती है यह सवाल आम जनता के लिए गले की फांस बनता जा रहा है । क्योंकि अभी हाल ही में सीसुबल अकादमी में देश के अन्य राज्यो से कमाण्डों प्रतियोगिता के लिए कई टीमों के कमाण्डों शामिल हुए थे । इन सभी की सुरक्षा का दायित्व अकादमी के वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी
है लेकिन फिलहाल कोई भी अधिकारी पुलिस के सामने यह जबावदारी लेने को तैयार नहीं है कि घटना घटने के पीछे सुरक्षात्मक तरीके अकादमी क ी ओर से क्या है।
इस लापरवाही के लिए दोषी कौन……
अकादमी कैम्पस के अंदर छह दिन के अंदर दो नौजवानों की दिल दहलाने वाली मौत से आम आदमी गमगीन है । ऐसी स्थिति में अकादमी में काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े होते है कि इस लापरवाही के लिए दोषी कौन ?
अति संवेदनशील है अकादमी……
विश्वस्त सूत्रों की माने तो अकादमी के अंदर बगैर परमिशन के कोई भी सीबिलीयंश प्रवेश नहीं कर सकता, तो फिर ये बात भी सही है कि बीएसएफ कैम्पस में भीकमङ्क्षसह बघेल और अरमान को जो प्रवेश मिला, उस प्रवेश में कहीं न कहीं अकादमी के आरपी गेट पर सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारी और आरपी गेट पर रखे रजिस्टर में दोनों नौजवानों के नाम अंकित हो सकते है । दोनों नौजवानों की मौत की कहानी के पीछे 11 केव्ही की तार है तो पुलिस अपनी जांच में किस व्यक्ति को या विभाग को या ठेकेदार को जिम्मेदार मानती है यह अभी कहना जल्दबाजी है।
मासूम तीन बेटियों के ऊपर से उठा पिता का साया……
रविवार को जिस अरमान की बीएसएफ कैम्पस के अंदर 11 केव्ही के तारों से चिपककर मौत हुई है उस अरमान की तीन मासूम बेटियां हैं जिनमें एक बेटी नेत्रहीन भी है । पत्नि का सुहाग उजड़ जाने के बाद अरमान के घर में मातम का साया पसरा हुआ है दहाड़ -दहाड़ कर पत्नि अपनी बेटियों को गोद में लेकर एक ही बात कह रही है कि क्या हो गया बेटी तेरे पिता को ।
जवान बेटे की मौत को देखकर पथरागई पिता की आंखे…….
कहते है कि भरी जवानी में एक पिता के सामने बेटे की मौत हो जाए तो यह गम पिता ता-उम्र नहीं भूलता, ऐसे ही हालात अरमान की मौत के बाद उसके पिता तलीफ और ताऊ भूरे खां तथा चाचा रूमाल खां की आंखोंं मेें देखने को मिला कि उनकी आंखों से आंसू नहीं निकल रहे थे बेटे के शव को देखकर आंखे पथरा गई है अरमान की माँ का बुराहाल है । घर के अंदर मची चीख पुकारों से हर कोई व्यक्ति अपनी आंखों मेें आंसू नहीं रोक पा रहा है ।
इनका कहना……
अकादमी के अंदर अरमान की मौत करंट से हुई है सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे, घोर लापरवाही के चलते कर्मचारियों से काम लिया जा रहा था जिसके चलते डम्पर पर खड़े होकर रेत निकालते समय अरमान को ऊपर से निकले बिजली के तारों ने अपनी ओर खींच लिया, जिससे उसकी मौत हुई, पुलिस अगर ईमानदारी से जांच करें तो इसमें कई लोग जिम्मेदार हो सकते है ।
भूरे खां, मृतक के ताऊ
बीएसएफ कैम्पस के अंदर घोर लापरवाही बरती जा रही है 21 सितम्बर को भीकम ङ्क्षसह की मौत बिजली के तारों से हुई, तो रविवार आज 11 केव्ही के तारों ने अरमान को अपनी ओर खींच लिया जिससे उसकी मौत हुई, सुरक्षा में लापरवाही बरती गई है, इसलिए एक के बाद एक मौते अकादमी में हो रही है इसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए ।
रूमाल खां, मृतक के चाचा
प्रथम दृष्टया मामले में बिजली के करंट लगने से अरमान की मौत हुई है लापरवाही किसकी रही, किसकी नहीं, इस मामले की जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाएगा ।
पप्पू यादव, सब इन्सपेक्टर जांच अधिकारी
मृतक भीकमङ्क्षसह की मौत करंट से हुई थी जांच के दौरान उस मामले में पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज कर लिया, और वहीं रविवार को 24 वर्षीय अरमान की मौत भी बिजली के करंट से हुई, इस मामले में पुलिस पड़ताल में लगी हुई है।
सुधीर सिंह कुशवाह, एसडीओपी डबराbsf