जंडियाला गुरु 8 दिसंबर (कुलजीत सिंह ) आज पूरे विशव में ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते कई त्रासदी हो चुकी हैं जिसके चलते पूरे विशव में समुन्द्री तूफानों ,बेमौसमी बरसात ,भूकंप ,जैसी आपदाओँ ने समस्त विशव को झंझोड़ कर रख दिया ।इनके द्वारा ऐसी तबाही मची है जिसको कभी भी भुलाया नही जा सकता ।आँखों के सामने जब भी वह तस्वीर सामने आती है तो दिल को बड़ा सा झटका लगता है। भारत भी इससे से अछूता नही है ।कुछ दिन पहले चेन्नई में मूसलाधार बारिश से शहर में पूरी तरह जीवन अस्त व्यस्त हो गया ।रेल की पटड़ी ,हवाई सेवा ,और सड़क पर यातायात की सेवा पर पूरी तरह ठप हो गई जैसे मानो कि जिंदगी की गाड़ी रुक गई हो ।भले ही वैज्ञानिकों द्वारा ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम मव हुए बदलाव के चलते भारी बारिश होने की चेतावनी दी थी लेकिन इससे कैसे बचाव यह किसी ने सोचा नही । इसके प्रति सरकार के साथ साथ आम लोगों को भी इसके बुरे प्रभाव के बारे में जानकारी और इससे निपटने के लिए एकजुट होने की आवशयकता है । यदि ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार तथ्यों का पता लगा कर उनके प्रभाव को कम करना चाहिए जैसे ऑक्सीजन को धरती पर सही मात्रा में संतुलन बनाने के लिए कार्बन की वातावरण में मात्रा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए । इसके इलावा प्रदूषण को कम करने के लिए सरकारों को सख्त से सख्त कदम उठाएं । सबसे एहम बात यह है कि आम लोगों को इसके बुरे प्रभावों स्व बचने और इसके प्रभावों को कम करने की जानकारी होनी चाहिए तभी इस पर कुछ हद तक काबू किया जा सकता है।स्कूलों और कॉलजों में छात्रों को सेमिनार आयोजन कर जानकारी देना चाहिए । इसलिए कि वह इसके पड़ने वाले बुरे प्रभाव जो हमारी धरती पर विनाश की लीला रच सकते है कि बारे में जानकारी सकें और इसके प्रभावों को कम करने के उपाय भी बताने चाहिए ।गौर हो कि हमारे पंजाब में भी लुधियाना ,जलांधर ,अमृतसर ,बठिंडा ,पटियाला समेत और भी शहर हो जो उद्योगिक इकायियों से प्रदुषण छोड़ने में को कसर नही छोड़ते ।जिसके चलते पानी ,वायु ,ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है जो हमारे लिए खतरे की घँटी है । अगर हम सभी ने मिलकर ग्लोबल वार्मिंग के प्रति कोई ठोस कदम नही उठाया तो बी
जंडियाला गुरु 8 दिसंबर (कुलजीत सिंह ) आज पूरे विशव में ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते कई त्रासदी हो चुकी हैं जिसके चलते पूरे विशव में समुन्द्री तूफानों ,बेमौसमी बरसात ,भूकंप ,जैसी आपदाओँ ने समस्त विशव को झंझोड़ कर रख दिया ।इनके द्वारा ऐसी तबाही मची है जिसको कभी भी भुलाया नही जा सकता ।आँखों के सामने जब भी वह तस्वीर सामने आती है तो दिल को बड़ा सा झटका लगता है। भारत भी इससे से अछूता नही है ।कुछ दिन पहले चेन्नई में मूसलाधार बारिश से शहर में पूरी तरह जीवन अस्त व्यस्त हो गया ।रेल की पटड़ी ,हवाई सेवा ,और सड़क पर यातायात की सेवा पर पूरी तरह ठप हो गई जैसे मानो कि जिंदगी की गाड़ी रुक गई हो ।भले ही वैज्ञानिकों द्वारा ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम मव हुए बदलाव के चलते भारी बारिश होने की चेतावनी दी थी लेकिन इससे कैसे बचाव यह किसी ने सोचा नही । इसके प्रति सरकार के साथ साथ आम लोगों को भी इसके बुरे प्रभाव के बारे में जानकारी और इससे निपटने के लिए एकजुट होने की आवशयकता है । यदि ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार तथ्यों का पता लगा कर उनके प्रभाव को कम करना चाहिए जैसे ऑक्सीजन को धरती पर सही मात्रा में संतुलन बनाने के लिए कार्बन की वातावरण में मात्रा को कम करने की कोशिश करनी चाहिए । इसके इलावा प्रदूषण को कम करने के लिए सरकारों को सख्त से सख्त कदम उठाएं । सबसे एहम बात यह है कि आम लोगों को इसके बुरे प्रभावों स्व बचने और इसके प्रभावों को कम करने की जानकारी होनी चाहिए तभी इस पर कुछ हद तक काबू किया जा सकता है।स्कूलों और कॉलजों में छात्रों को सेमिनार आयोजन कर जानकारी देना चाहिए । इसलिए कि वह इसके पड़ने वाले बुरे प्रभाव जो हमारी धरती पर विनाश की लीला रच सकते है कि बारे में जानकारी सकें और इसके प्रभावों को कम करने के उपाय भी बताने चाहिए ।गौर हो कि हमारे पंजाब में भी लुधियाना ,जलांधर ,अमृतसर ,बठिंडा ,पटियाला समेत और भी शहर हो जो उद्योगिक इकायियों से प्रदुषण छोड़ने में को कसर नही छोड़ते ।जिसके चलते पानी ,वायु ,ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है जो हमारे लिए खतरे की घँटी है । अगर हम सभी ने मिलकर ग्लोबल वार्मिंग के प्रति कोई ठोस कदम नही उठाया तो बी