ग्वालियर २३ सितम्बर [सी एन आई ]डबरा रिटार्यड नाकेदारहरीराम गुप्ता की हत्या के आरोपी को पकड़कर पुलिस ने अंधे कत्ल की कहानी पर डला पर्दा उठा दिया, 13 सितम्बर को दिन दहाड़े गला दबाकर सब्बल से गला रेतकर जिस आरोपी ने हत्या की थी वह आरोपी अब सलाखों के पीछे है । पुलिस अभी भी उससे पूछताछ़ कर रही है । क्योंकि इस अंधे कत्ल को लेकर नगर के व्यापारियों का पुलिस पर खासा दबाव था, जिसके चलते पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस हत्या को अपने मार्गदर्शन में क्र ाइम ब्रांच के साथ एक टीम अलग से तैयार की थी जिन्होंने अंधे कत्ल का पर्दाफांस करने के लिए टीम के सभी अधिकारियेां ने क्राइम ब्रांच सहित घटना स्थल का बारीकी से मुआयना किया, जिसमें फोरेंसिक एक्सपर्ट की इस हत्याकांड़ के खुलासे में अहम भूमिका रही, क्योंकि जिस आरोपी ने हत्या को अंजाम दिया था उस आरोपी ने बडी ही सफाई के साथ नाकेदार की हत्या को अमलीजामा पहनाया था हालांकि पुलिस पहले दिन खाली कुंए में बांस डालकर खोजी कुत्तों का सहारा ले रही थी मगर सफलता हाथ न देख पुलिस ने यह जानने की कोशिश की, कि मृतक किस चीज का व्यापार करता था और उसके व्यापार का लेनदेन कै सा था इसी कडी पर पुलिस काम करती चली गई और आखिर कार हत्या के आठवे दिन आरोपी को सलाखों के पीछे कर हत्या के पीछे की कहानी का राज जानने के लिए अभी भी पूछताछ़ कर पीआर लेने क ी मंशा बना चुकी है ।
देहात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश्वर शर्मा ने फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. अखिलेश भार्गव, एसडीओपी सुधीर सिंह कुशवाह व थाना प्रभारी संजय सिंह के साथ प्रेसवार्ता में पत्रकारों को बताया कि 13 सितम्बर को रिटार्यड नाकेदार हरीराम गुप्ता की हत्या की गु_ी अधें कत्लों में थी पुलिस अधीक्षक हरीनारायणचारी मिश्र के मार्गदर्शन में दो टीमे अलग अलग तैयार की गई, पहली टीम में एएसपी देहात योगेश्वर शर्मा, एसडीओपी डबरा सुधीर सिंह कुशवाह के कुशल नेतृत्व में टीआई डबरा संजय सिंह, पिछोर टीआई जेपी भट्ट एवं दूसरी टीम ने क्राइम ब्रांच ने अपनी अपनी टीमों के साथ सम्मिलित रूप से हत्या की गुत्थी सुलझाने की जांच शुरू की गई, जिसमें मृतक हरीराम की सम्पत्ति से संबंधित सबसे पहले उन विवादो ंको खंगाला गया और सभी संदेहियो पर बारीकी से नजर रखकर हर पहलू पर विशेष जांच की गई, जो जांच में अंमित सुई आरोपी त्रिलोक सिंह गुर्जर पर जाकर थमी, पुलिस ने त्रिलोक सिंह को कष्टडी में लेकर पुलिसिया अंदाज मेें पूछताछ़ की जिसमें उसने हरीराम की हत्या करना स्वीकार किया ।
सवा दो लाख न लौटाने पड़े इसलिए की थी हरीराम की हत्या……
मृतक हरीराम की हत्या के आरोपी के बारे में एडीशनल एसपी श्री शर्मा ने बताया कि हत्या के आरोपी त्रिलोक सिंह ने सन 2010 में अपनी छह बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराकर 50 हजार रूपये हरीराम से उधार लिए थे । हरीराम ने अपने एग्रीमेंट में समय सीमा को देखते हुए दो लाख दस हजार की रकम त्रिलोक सिंह से समय निकल जाने के कारण लेने का दबाव बनाता जा रहा था । पैसे मांगने का दबाव और जमीन की रजिस्ट्री करने का दबाव बढ़ता जा रहा था जिससे त्रिलोक ने अपनी जमीन बचाने के लिए प्री प्लांनिंग योजना के तहत सफेद स्वाफी से हरीराम का गला घोंटकर गले पर लोहे का सरिया मारकर हत्या कर दी थी ।
एस.पी. के निर्देशन में कई टीमें कर रही थी हत्या का खुलासा…….
नगर के व्यापारियो ने इस हत्याकांड़ लेकर खासा दबाव बनाया था व्यापारी इस हत्याकांड़ से आक्र ोशित थे इसलिए पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देहात योगेश्वर शर्मा के नेतृत्व में तेजतर्रार व अनुभव से परिपूर्ण पुलिस अधिकारियों को इस हत्याकांड़ की गुत्थी सुलझाने में लगाया था जिन्होंने दिन और रात घटना स्थल से लेकर जुड़े सृूत्रों के आधार पर गहराई से पड़ताल की जिस पड़ताल में अंतिम सुई पुलिस की त्रिलोक सिंह गुर्जर पर जा टिकी, तब जाकर हत्या का खुलासा हुआ ।
पुलिस ने बरामद किये हत्या में प्रयुक्त औजार…..
हत्या के आरोपी त्रिलोक सिंह गुर्जर ने हत्या क ो अंजाम देने के बाद हत्या में प्रयुक्त हथियार को त्रिलोक सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने उसके घर गजापुर से बरामद कर लिया है।
पीआर पर लेकर पूछताछ शुरू……..
हत्या के खुलासे में एडीशनल एसपी योगेश्वर शर्मा का कहना था कि पुलिस हत्या के आरोपी को न्यायालय मेें पेश करने के बाद कुछ समय के लिए पीआर पर लेगी, जिसमें पुलिस पूछताछ़ कर हत्या की बारीकी के पहलुओं पर भी पूछताछ करेंंगी, जिस पर पुलिस द्वारा रविवार को हत्या के आरोपी को न्यायालय में पेश कर दो दिन के पीआर पर लेकर पूछताछ करेगी ।
इनकी रही अहम भूमिका……
अंधे कत्ल की गुुत्थी सुलझाने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी संजय ङ्क्षसह, थाना प्रभारी पिछोर जेपी भट्ट, उप निरीक्षक आर.पी. इन्दौरिया, उप निरीक्षक भान सिंह, सहायक उप निरीक्षक श्रीकृ ष्ण गुर्जर, प्रधान आरक्षक गंगा सिंह, आर. शिवशांत पाण्डे,आरक्षक जीतेन्द्र तिवारी, आरक्षक केपी रावत, आरक्षक राकेश गौड़ की अहम भूमिका रही ।
इनका कहना……
अंधे कत्ल का पर्दाफांस करने में पुलिस ने अहम पहलुओं में यह जानने की कोशिश की, कि मृतक के किन किन लोगों से संबंध थे किस किस से लेन देन था, ऐसे सभी लोगों को निगरानी में लेकर पूछताछ करते रहे, अंत में गजापुर निवासी त्रिलोक सिंह गुर्जर पर पुलिस की नजरे टिकी, क्योंकि आरोपी ने मृतक से पैसा लेकर गिरवी रखी जमीन को बचाने के लिए पैसा न देना पड़़े, हत्या को अंजाम दिया । संजयसिह , थाना प्रभारी डबरा
प्रथम दृष्टया मामले में फोंरेसिक एक्सपर्ट की सलाह पर घटना स्थल से जुड़े साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू की, जिसमें कई लोगों से पूछताछ भी की, जिनका विवाद मृतक से चल रहा था, मगर यह जानकारी पुलिस को लगी कि आरोपी त्रिलोक सिंह का अत्यधिक आना जाना मृतक के यहां था शक की सुई पर पुलिस ने आरोपी त्रिलोक को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने हत्या कबूलना तय किया ।
सुधीर सिंह कुशवाह, एसडीओपी डबरा
पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में इस अंधे कत्ल का पर्दाफांस करने में पुलिस अधिकारियों और क्राइम ब्रांच की टीम ने एक एक पहलु पर बारीकी से इन्वेस्टीगेशन की, जांच में यह जानकारी लगी कि गजापुर निवासी त्रिलोक सिंह से मृतक दो लाख दस हजार की मांग निरंतर कर रहा था, पैसा न देना पड़े इसलिए त्रिलोक ने हरीराम की हत्या कर दी । पुलिस अभी भी हत्या के आरोपी से कुछ पहलुओं पर पूछताछ कर रही है।
योगेश्वर शर्मा, देहात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक