ग्वालियर।८ अक्टूबर [सी एनआई ] हाईकोर्ट ग्वालियर खण्डपीठ में पीएमटी फर्जीवाड़े के आरोपियों की जमानत की सुनवाई के दौरान जस्टिस यूसी माहेष्वरी और जस्टिस एसके गुप्ता की डिवीजन बैंच ने सीबीआई से पूंछा कि एक ही अपराध में कुछ आरोपियों की जमानत का सीबीआई विरोध कर रही है, लेकिन कुछ का नहीं ऐसा क्यों ? कोर्ट ने टिप्पणी की कि इसी अपराध में आरोपी व्यापम के पूर्व डायरेक्टर डॉ0 योगेष उपरीत और एमएस जौहरी व अन्य की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध क्यों नहीं किया, इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेष दिया कि सीबीआई इस मामले 19 अक्टूबर तक सील बंद लिफाफे में जबाब पेष करे, जबाव पेष न करने पर सीबीआई के एसपी खुद कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें। कोर्ट में व्यापम के फर्जीवाड़ा के आरोपी बीरेन्द्र पाटीदार, अंकित वर्मा व अन्य की जमानत की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। बताया गया कि चालान पेष नहीं करने पर डॉ0 उपरीत और डॉ0 जौहरी की जमानत हो गई थी, इनके मामले में सीबीआई ने विरोध भी नहीं किया था।
ग्वालियर।८ अक्टूबर [सी एनआई ] हाईकोर्ट ग्वालियर खण्डपीठ में पीएमटी फर्जीवाड़े के आरोपियों की जमानत की सुनवाई के दौरान जस्टिस यूसी माहेष्वरी और जस्टिस एसके गुप्ता की डिवीजन बैंच ने सीबीआई से पूंछा कि एक ही अपराध में कुछ आरोपियों की जमानत का सीबीआई विरोध कर रही है, लेकिन कुछ का नहीं ऐसा क्यों ? कोर्ट ने टिप्पणी की कि इसी अपराध में आरोपी व्यापम के पूर्व डायरेक्टर डॉ0 योगेष उपरीत और एमएस जौहरी व अन्य की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध क्यों नहीं किया, इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेष दिया कि सीबीआई इस मामले 19 अक्टूबर तक सील बंद लिफाफे में जबाब पेष करे, जबाव पेष न करने पर सीबीआई के एसपी खुद कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें। कोर्ट में व्यापम के फर्जीवाड़ा के आरोपी बीरेन्द्र पाटीदार, अंकित वर्मा व अन्य की जमानत की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। बताया गया कि चालान पेष नहीं करने पर डॉ0 उपरीत और डॉ0 जौहरी की जमानत हो गई थी, इनके मामले में सीबीआई ने विरोध भी नहीं किया था।