किसानों को कीटनाषकों के नाम पर धोखा

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ग्वालियर।७ नवम्बर[ सीएनआई] बाजार में जिन कीटनाषक दवाओं को किसानों को बिना किसी लैब की जांच पड़ताल के बेचा जा रहा है, उन दवाओं से किसानों को लगातार धोखे और आर्थिक नुकसान का दोहरा बोझ उठाना पड़ रहा है। ये दवा कंपनियां किसानों को ज्यादा उपज का सब्जबाग दिखाती हैं, परंतु ऐसा नहीं होता। उत्पादन उस स्तर का नहीं होता। वाणिज्यकर विभाग द्वारा श्रीराम एग्रो एवं श्रद्धा सीड्स पर मारे गये छापे के बाद फर्जीवाड़े की पर्तें खुलने लगी हैं। कुछ कंपनियां इन दवाओं में कीट पतंगों से बचाव के लिये जला हुआ तेल दवाई बताकर बेच रही हैं। कुछ दवाओं में आर्गेनिक दवा होने का दाबा किया जाता है, कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जिन पर पेस्टी साइड दवाएं बेचने की अनुमति कृषि विभाग और राज्य सरकार की नहीं हैं, लेकिन धड़ल्ले से करोड़ों का कारोबार चल रहा है। जिंक, टार्जन, युवराज, महाजिंक आदि अनेक दवाइयों को नाम सामने आये हैं। विजय रावत वाणिज्यकर ऑफीसर का कहना हैं कि कागजों की जांच की जा रही है। डीडी नरवरिया उप संचालक कृषि और अवधेष बिसारिया वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी मामले की जांच की बात कहते हैं।fraud