दोराहा ( अमरीश आनंद) मालवे की जमपल पंजाबन रज़िया सुखबीर किसी जान पहचान की मोहताज़ नहीं है। नाट्यशाला से अपनी अदाकारी की शुरुआत कर अनेक धारावाहिक, विज्ञापनों और पंजाबी फ़िल्में जैसे कि अखीयाँ उडीकड़िया , सियासत, जवानी ज़िन्दाबाद, इक कुड़ी पंजाब दी, पियोर पंजाबी, स्टुपिड 7, जट्ट जेम्स बौंड, जट्ट ब्वॉय – पुत्त जट्टां दे, वीरां नाल सरदारी, वुमैन फ्रॉम द ईस्ट (कुदेस्सन) और अंग्रेज में काम करके अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी है। रज़िया सुखबीर का सफ़र यहीं ख़तम नहीं होता, उस के बाद उनहोंने हिंदी धारावाहिक में कदम रखा। पहिला धारावाहिक लाईफ ओके चैनल के लिए “नादान परिंदे घर आ जा” में उन्होंने नेगटिव किरदार को बखूबी निभाया और आजकल वह ज़ी-टीवी पर चल रहे धारावाहिक “लाजवंती” में एक पोजिटिव और इमोशनल किरदार “वीरमती” के रूप में नज़र आ रहीं हैं। मुम्बई में रहते हुए भी वह अपनी मात्र भूमि के साथ जुडी हुईं हैं। पिछले दिनों उनसे हुई बातचीत में उन्होंने बड़ी विनम्रत से कहा, “मैं अपनी मात्र-बोली पंजाबी की सेवा करना कभी भी नहीं भूलूंगी और मरते दम तक करती रहूंगी। बचपन से ही स्टार प्लस या ज़ी-टीवी के धारावाहिक में काम करना मेरी दिली इच्छा थी। धारावाहिक में काम करके पर लगा के फिल्मों का आलेख कुछ अलग होता है इसलिए फ़िल्में करना में अपनी ज़िन्दगी में कभी भी नहीं छोड़ सकती।“ रज़िया सुखबीर का मानना है कि हर इंसान के अन्दर भगवान का वास होता है इस लिए जो इंसान सच्चे मन से कुछ करने का प्रण करता है उसके सपने ज़रूर साकार होते हैं और जो लोग अपने भगवान यानी कि माता-पिता और परिवार को साथ लेकर चलते हैं और धरती से जुड़े रहते हैं तो उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं होता।
दोराहा ( अमरीश आनंद) मालवे की जमपल पंजाबन रज़िया सुखबीर किसी जान पहचान की मोहताज़ नहीं है। नाट्यशाला से अपनी अदाकारी की शुरुआत कर अनेक धारावाहिक, विज्ञापनों और पंजाबी फ़िल्में जैसे कि अखीयाँ उडीकड़िया , सियासत, जवानी ज़िन्दाबाद, इक कुड़ी पंजाब दी, पियोर पंजाबी, स्टुपिड 7, जट्ट जेम्स बौंड, जट्ट ब्वॉय – पुत्त जट्टां दे, वीरां नाल सरदारी, वुमैन फ्रॉम द ईस्ट (कुदेस्सन) और अंग्रेज में काम करके अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी है। रज़िया सुखबीर का सफ़र यहीं ख़तम नहीं होता, उस के बाद उनहोंने हिंदी धारावाहिक में कदम रखा। पहिला धारावाहिक लाईफ ओके चैनल के लिए “नादान परिंदे घर आ जा” में उन्होंने नेगटिव किरदार को बखूबी निभाया और आजकल वह ज़ी-टीवी पर चल रहे धारावाहिक “लाजवंती” में एक पोजिटिव और इमोशनल किरदार “वीरमती” के रूप में नज़र आ रहीं हैं। मुम्बई में रहते हुए भी वह अपनी मात्र भूमि के साथ जुडी हुईं हैं। पिछले दिनों उनसे हुई बातचीत में उन्होंने बड़ी विनम्रत से कहा, “मैं अपनी मात्र-बोली पंजाबी की सेवा करना कभी भी नहीं भूलूंगी और मरते दम तक करती रहूंगी। बचपन से ही स्टार प्लस या ज़ी-टीवी के धारावाहिक में काम करना मेरी दिली इच्छा थी। धारावाहिक में काम करके पर लगा के फिल्मों का आलेख कुछ अलग होता है इसलिए फ़िल्में करना में अपनी ज़िन्दगी में कभी भी नहीं छोड़ सकती।“ रज़िया सुखबीर का मानना है कि हर इंसान के अन्दर भगवान का वास होता है इस लिए जो इंसान सच्चे मन से कुछ करने का प्रण करता है उसके सपने ज़रूर साकार होते हैं और जो लोग अपने भगवान यानी कि माता-पिता और परिवार को साथ लेकर चलते हैं और धरती से जुड़े रहते हैं तो उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं होता।