राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूली बच्चों को साहित्य से जोडऩे बनाई योजना

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ग्वालियर ३दिसम्बर [सीएनआई] बच्चों में शिक्षा की गुणवत्ता को सद्रण करने के लिए और कोर्स से अलग हटकर दूसरी साहित्यिक किताबे पढऩे की आदत डालने के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पढ़े भारत, बढ़े भारत अभियान के तहत शुरू किया है जिसके तहत माध्यमिक कक्षाओं में पढऩे वाले छात्र -छात्राओं को पढाई के अलावा दूसरी किताबे पढऩे के लिए अलग से पीरियड़ लगाने की योजना बनाई गई है ।
नवाचार मद के तहत हुआ बजट मंजूर….
राज्य शिक्षा केन्द्र में माध्यमिक शालाओं में पढऩे वाले छात्र – छात्राओंं को अलग से साहित्यिक किताबों का ज्ञान अर्जित हो, जिसके लिए नवाचार मद के तहत बजट भी मंजूर किया गया है । प्रत्येक जिले को मंजूर बजट को चार – बराबर -बराबर हिस्सों में बांटकर खर्च करना होगा।
अनुसूचित बालक-बालिकाओं के लिए महत्वपूर्ण योजना…..
राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से पढ़े भारत, बढ़े भारत अभियान के तहत माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत जिन छात्र -छात्राओं के लिए योजना लागू की गई है, उस योजना में अनुसूचित जाति व आदिवासी वर्ग के विद्यार्थी और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी तथा शहरी क्षेत्र के बंचित विद्यार्थी भी इस योजना में शामिल रहेंगे । राज्य शिक्षा केन्द्र ने स्कूली छात्र -छात्राओं को साहित्य से जोडऩे के लिए बनाई योजना का पूरा लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा, किताबे पढऩे की आदत स्कूल में पढऩे का वातावरण योजना के तहत तैयार किया जाएगा।
विद्यार्थियों के लिए ये किताबे रहेगी मौजूद……
पढ़े भारत, बढ़े भारत योजना के तहत विद्यार्थियों में ज्ञान का भंडार अर्जित हो और देश -विदेश में वर्तमान हालातों की जानकारी देने के लिए पत्रिकाएं, समाचार पत्र तथा पुस्तकालय की महत्वपूर्ण पुस्तके बच्चों की पहुंच में रखी जाएगी । जिससे बच्चों को पढऩे में सुविधाजनक हो ।
शिक्षक बच्चों को कहानी और क विताए पढ़कर सुनाएंगे……
राज्य शिक्षा केन्द्र की विद्यार्थियों के लिए महत्वाकांक्षी योजना के तहत पढ़े भारत, बढ़े भारत अभियान मेें शिक्षकों की मदद से बच्चों के हाथों से लिखी इबारत और चित्रों से सजी पुस्तके बनाएंगे और स्कूल मेंं पुस्तको पर विद्यार्थियों से गहराई से चर्चा करेंगे, विद्यार्थियों की आयु और कक्षा के मुताबिक शिक्षक बच्चों को कहानी, कविताए, पढ़कर सुनाएंगे ।
वरिष्ठ साहित्यकारों को बुलाया जाएगा बच्चों के बीच……
पढ़े भारत, बढ़े भारत अभियान के तहत विद्यार्थियों के लिए साहित्य पर विशेष चर्चा के लिए साहित्यकारों को स्कूलों मेंं बुलाया जाएगा और वरिष्ठ कलाकार स्कूल में आकर कविता, कहानिया व लोकगीत सुनाएंगे, जिससे विद्यार्थियों में पाठशाला से हटकर अलग अलग संस्कार पैदा हो सके ।
जन्म दिन पर करेंगे पोस्टर तैयार…..
राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा जारी योजना के तहत विद्यार्थी अपने जन्म दिन पर स्कू ल में किताबे भेंट करेंगे और शिक्षक और बच्चे स्थानीय गीत, कविता व कहानियों के आधार पर पोस्टर तैयार कर सकते है ।
महापुरूषो के जीवन परिचय का होगा ज्ञान………
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत माध्यमिक शाला के अधीन पढऩे वाले छात्र छात्राओंं क ो अभी तक किताबो से हटकर ज्ञान नहीं दिया जाता था, लेकिन अब पढ़े भारत, बढ़े भारत अभियान के तहत बच्चों को देश के महापुरूषों के जीवन प्रसंगों को पढऩे का अवसर दिया जाएगा और माध्यमिक शाला मेें पढऩे वाले बच्चे रोजाना पढी गई किताबों की जानकारी स्कूल के रजिस्टर मेें दर्ज करेंगे ।

कहानी और कविताओं पर होगी चर्चा …..
इस अभियान के तहत घरों मेें मां द्वारा बच्चों को सुनाई गई कहानी और कविताओं पर स्कूल में चर्चा होगी, बच्चे कॉमिक्स बनाएंगे और कक्षा 8 के बच्चों में कहानी क विताओं की किताबे तैयार करने के संस्कार पैदा होंगे ।

विद्यार्थियों के बीच मनाया जाएगा पुस्तकोत्सव……
बढ़े भारत, पढ़े भारत अभियान के तहत छात्र छात्राओं के लिए हर महीने का एक दिन अलग अलग तरह की पुस्तको के नाम रहेगा, इसी आधार पर पुस्तकोत्सव भी मनाया जाएगा, जिसमें जादुई पुस्तक दिवस, जानकारी परक पुस्तक दिवस, कविता पुस्तक दिवस, कहानी दिवस, कविता दिवस, स्वास्थ्य पुस्तक दिवस।
बच्चों को कराई जाएगी दुकानों की सैर……
बच्चों के अंदर शिक्षा के तहत मिलने वाले संस्कारो में पत्र लिखने की आदत डाली जाएगी, स्थानीय पुस्तकालय और किताबों की दुकानों पर भी ले जाया जाएगा । साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षक अभिभावक आपस में चर्चा करेंगे कि इस योजना से बच्चों में कितना परिवर्तन हुआ है।
इनका कहना….
हालांकि इस योजना की जानकारी अवश्य है मगर अभी तक डिटेल हमें प्राप्त नहीं हुई है, आदेश आते ही योजना को अमल मेें लाया जाएगा।
के.जी. शुक्ला,डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र ग्वालियर
यह योजना स्कूलों में शुरू होती है तो बच्चों मेंं साहित्यिक गुणवत्ता मजबूत होगी और देश के महान पुरूषों के जीवन परिचय से बच्चे चिरपर्चित होंगे, साहित्यिक संस्कृति का ज्ञान बच्चों में बढ़ेगा।
आर. के. उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी ग्वालियर
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पढ़े भारत, बढ़े भारत अभियान के तहत स्कूली बच्चों को साहित्यिक गतिविधियों से जोडा जाएगा और देश की साहित्यिक संस्कृति से बच्चे चिरपर्चित होंगे ।
दीप्ति गौड़, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपालschool