कल्पना कागज से टेड़ा मेड़ा जहाज बनाकर हवा में उड़ाती थी- डा.बीएल

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0 एफएस कालेज में एक कार्यक्रम का आयोजन
विकास पालीवाल
फिरोजाबाद। एफएस कालेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एफएस कालेज में कार्यक्रम की अध्यक्षता साइकिल यात्री हीरालाल ने की। मुख्य अतिथि अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के पिता डा.बीएल चावला थे। विशिष्ट अतिथियों में पूर्व प्राचार्य व सांइटिस्ट डा. पीपी अगरेजा, पूर्व प्राचार्य डा.डीपी सिंह व डा. दिलीप यादव थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर प्रमुख उद्योगपति एवं अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के पिता डा.बीएल चावला ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए अपनी होनहार पुत्री कल्पना चावला से जुड़ी बातें व संस्मरण सुनाये। उस समय सभागार में खामोशी छा गई। उन्होंने कल्पना के पढ़ाई के दिनों से लेकर स्पेस में जाने और प्रयोग करने तक के बारे में विस्तार से बताकर कल्पना के साहस और उसकी दृढृ इच्छा शक्ति से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि जब कल्पना स्कूल में पढ़ती थी कागज से टेड़ा मेड़ा जहाज बनाकर हवा में उड़ाती थी। उसकी बचपन से ही इच्छा एरोनोटिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इस पढ़ाई को पूरा करने के बाद वह अमेरिका गई। वहां एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की। वह दो बार स्पेस में गई। उसने अनेक छात्रों को पढ़ाई में आर्थिक मदद की। अपने अंतिम 16 दिवसीय मिशन स्पेस में उसने डा. ऐंजल के प्रयोग को 12वें दिन पूरा किया। जिसका रिजल्ट डा. ऐंजल की सोच के मुताबिक रहा। इससे डा. ऐंजल बेहद खुश हुए। वे कल्पना का वापस आने पर स्वागत के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे लेकिन कल्पना फिर से धरती पर वापस नहीं आ सकी। उन्होंने दुघर्टना के बाद कल्पना को संबोधित पत्र लिखा- कल्पना तेरा सपना पूरे संसार का सपना है । अब कल्पना मैं वहां आकर जहां तू है और एक चमकती हुई रौशनी की तरह कार्य कर रही है और कार्य करती रहोगी ताकि हमें वहां आने का रास्ता मिले। डा. ऐंजल को उनके प्रयोग के लिए एवार्ड मिला। उन्होंने कल्पना के पिता को पत्र लिखकर कहा- कल्पना की वजह से एवार्ड मिल रहा है। डा. दिलीप यादव ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कल्पना को एक महान वैज्ञानिक बताया। इस मौके पर एसआरडी कालेज के सचिव डा. दिनेश यादव, इंजीनियर योगेश यादव, डा. अजय सिंह, डा. सर्वेश यादव, डा. भारती मौजूद थे।