लुधियाना 25 दिसम्बर (सौरभ गुप्ता) लुधियाना अग्रवाल परिवार वैल्फेयर सोसायटी की ओर से तीसरी श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह का आयोजन सुंदर नगर में श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह के दूसरे दिन कथाव्यास आचार्य श्री हरिकृष्ण जी प्रवचन करते हुए कहा कि रेस में जीतने वाले घोड़े को तो पता भी नहीं होता कि जीत वास्तव में क्या है। वह तो अपने मालिक द्वारा दी गई तकलीफ की वजह से ही दौड़ता है। इसलिए यदि आपके जीवन में कभी कोई तकलीफ आए तो समझ लीजिए कि परम पिता परमात्मा आपको जिताना चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में सुख और दुख आना आम बात है। सुख आने पर तो व्यक्ति परमात्मा को याद नहीं करता लेकिन दुख के समय में वह परमात्मा को दोष देता है। जो कि बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि दुख आने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि परमात्मा पर यह विश्वास रखना चाहिए कि वह इस दुख की घड़ी को जल्द ही दूर करके हमारे जीवन में सुख प्रदान करेगा। इस अवसर पर प्रधान अजय कुमार जैन ने बताया कि 24 दिंसबर से 30 दिंसबर तक श्री मद् भागवत कथा 2 बजे से सायं 6 बजे तक कथाव्यास आचार्य श्री हरिकृष्ण जी अपने मुखारविंद से करेंगें। इस अवसर पर सुरेश बांसल, सरजीवन जैन, पंकज गुप्ता, राजन बांसल, आशीष सिंगला, तरुण गुप्ता, अनिल गुप्ता, अजय जैन, वरिंदर जैन, विकास गर्ग, विक्रम बांसल आदि उपस्थित हुए।
लुधियाना 25 दिसम्बर (सौरभ गुप्ता) लुधियाना अग्रवाल परिवार वैल्फेयर सोसायटी की ओर से तीसरी श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह का आयोजन सुंदर नगर में श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह के दूसरे दिन कथाव्यास आचार्य श्री हरिकृष्ण जी प्रवचन करते हुए कहा कि रेस में जीतने वाले घोड़े को तो पता भी नहीं होता कि जीत वास्तव में क्या है। वह तो अपने मालिक द्वारा दी गई तकलीफ की वजह से ही दौड़ता है। इसलिए यदि आपके जीवन में कभी कोई तकलीफ आए तो समझ लीजिए कि परम पिता परमात्मा आपको जिताना चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में सुख और दुख आना आम बात है। सुख आने पर तो व्यक्ति परमात्मा को याद नहीं करता लेकिन दुख के समय में वह परमात्मा को दोष देता है। जो कि बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि दुख आने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि परमात्मा पर यह विश्वास रखना चाहिए कि वह इस दुख की घड़ी को जल्द ही दूर करके हमारे जीवन में सुख प्रदान करेगा। इस अवसर पर प्रधान अजय कुमार जैन ने बताया कि 24 दिंसबर से 30 दिंसबर तक श्री मद् भागवत कथा 2 बजे से सायं 6 बजे तक कथाव्यास आचार्य श्री हरिकृष्ण जी अपने मुखारविंद से करेंगें। इस अवसर पर सुरेश बांसल, सरजीवन जैन, पंकज गुप्ता, राजन बांसल, आशीष सिंगला, तरुण गुप्ता, अनिल गुप्ता, अजय जैन, वरिंदर जैन, विकास गर्ग, विक्रम बांसल आदि उपस्थित हुए।