बरनाला, 23 अक्तुबर (अखिलेश बंसल) भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से संबंधित
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने बरनाला नगर सुधार के ठेकेदारों समेत पांच अधिकारियों को दिल्ली में तलब होने एवं सफाई सेवकों से संबंधित मुकम्मल रिकार्ड शामिल करने को कहा है। आयोग के सदस्य स्वामी सदानंद
महाराज (महामंडलेश्वर) ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की खिंचाई करते हुए कहा कि यदि किसी भी सफाई कर्मचारी को नियमावली के मुताबिक कुछ भी गलत कहा गया तथा उनसे नाजायज तौर पर काम करवाया गया तो उनकी खैर नहीं। बैठक में अधिकारियों ने नगर कौंसिल के प्रधान के खिलाफ मनमानियां करने के आरोप जड़े। जिसको लेकर आयोग ने जल्दि ही सबक सिखाने का ऐलान किया। इस मौके पर स्वामी सदानंद महाराज के साथ दिल्ली से पहुंचे हुए उनके ओएसडी राहुल महाराज और सफाई कर्मचारी संघ की विजीलेंस कमेटी के मुख्य अधिकारी नीलकंठ भी शामिल थे।
यह बताया एक्ट:
आयोग सदस्य स्वामी सदानंद महाराज ने रेस्टहाऊस में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि देश के संविधान में कान्ट्रेक्ट-1970 एक्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अनपढ़ता के कारण सरकारी व गैर सरकारी विभागों कंपनियों द्वारा देश में सफाई कर्मचारियों को मूल सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। कहीं वेतन नहीं दिया जा रहा, कहीं वेतन पूरा नहीं दिया जा रहा, कहीं काम करते वक्त मृत्यु हो जाने पर नियमावली के मुताबिक पैसा और एक परिवारिक सदस्य को नौकरी नहीं दी जा रही, कहीं कर्मियों को ईएसआई से कर्मियों को वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आयोग के
पास जुडीशरी ताकत है, जिसके जरिए एक्ट की उलंघना करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने का प्रावधान है।
ठेकेदार मोत पर जिम्मेवार होंगे विभाग अधिकारी:
स्वामी सदानंद महाराज ने बताया कि बहुत सी पालिकाओं, निगमों व ट्रस्टों तथा उनसे संबंधित ठेकेदारों द्वारा ना तो खुद का रजिस्ट्रेशन करवाया गया है और ना ही मुलाजिमों का। जिसके चलते गैरकानूनी काम हो रहे हैं। गिद्दड़बाहा एवं मलोट में ऐसे कुछ मामले सामने आने पर आयोग द्वारा चार अधिकारियों को दिल्ली में तलब किया जा चुका है। विभिन्न राज्यों से
एकत्रित डेटा के आधार पर उन्होंने बताया कि ट्रस्ट/पालिका/निगम अधिकारी चालान भरे बिना ठेकेदारों को पैसे दे रहे हैं। यदि ठेकेदार मर जाए या दीवालिया हो जाए तो कौन जिम्मेवार होगा। चेतावनी दी कि यदि आयोग कार्यवायी करता है तो अधिकारियों व ठेकेदारों दोनो को हथकड़ी लग सकती है। उन्होंने कहा कि भले ही सफाई कर्मचारी ठेकेदार के जरिए काम करते हों लेकिन उसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की ही होगी।
मिलीभगत से छिपाई जा रही वर्करों की स्किल:
स्वामी सदानंद महाराज ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि विभागों में सफाई कर्मचारियों को काम करते हुए 10/10 साल हो गए हैं लेकिन उन्हें एक्ट के मुताबिक सेलरी व सहूलतों में वृद्धि नहीं की जा रही। उन्हें अन-स्किल्ड लेबर के तौर पर रख उनका शोषण किया जाता है। स्किल्ड वर्करों का पता लगाने के लिए कर्मियों को ठेकेदारों द्वारा नियुक्ति पत्र देना अति आवश्यक है। यदि कोई ठेकेदार नहीं मानता तो उसका ठेका रद्द करने का प्रावधान है। अधिकारी व ठेकेदार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकीयां दे रहे हैं जो कि गलत है। ऐसे लोगों के खिलाफ लेबर एक्ट के तहत मुकद्दमा चलाया
जा सकता है।
बैठक में की एक-एक अधिकारी की खिंचाई: जिला प्रबन्धकीय परिसर के मीटिंग हाल में जिला प्रशासन और अलग-अलग
विभागों के आधिकारियों के साथ सफ़ाई सेवकों की समस्याएं दूर करने और उनके अधिकारों प्रति जागरूक करने के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान स्वामी सदानंद महाराज ने एक एक अधिकारी को बुला उससे कायदे कानून पूछे और उन्हें सफाई कर्मियों की मुशिकलों का 10 दिनों के भीतर निप्टारा करने के आदेश सुनाए। हिदायतें दी वर्ष में सफ़ाई कर्मचारियों का दो बार मुफ़्त मैडीकल चैकअप कराया जाये। सरकार की गाईडलाईन्ज के अनुसार सफ़ाई कर्मचारियों के बच्चों
की पढ़ाई को ध्यान में रखते महिला सफ़ाई सेवकों को 2 घंटे लेट काम पर लगाया जाये ताकि वो अपने बच्चों को समय पर स्कूल भेज सकें। बैठक में एडीसी अरविन्द पाल सिंह संधू, एडीसी परवीन कुमार, सहायक कमिशनर (जन)
मनकंवल सिंह चहल, सहायक कमिशनर (अंडर प्रशिक्षण) मैडम शायरी मल्होत्रा, एस.पी. सुखदेव सिंह विर्क, डीडीपीओ संजीव कुमार शर्मा, कार्य साधक अफ़सर परविन्दर सिंह भट्टी, भगवान श्री वाल्मीकि एकता कल्ब के प्रवक्ता एच.के.
वासू, रमेश कुमार प्रधान के इलावा अलग-अलग विभागों के अधिकारी, नगर कौंसिलों व ट्रस्टों के कार्य साधक अफसर और सफ़ाई कर्मचारी संगठनों के मुख्य प्रवक्ता उपस्थित थे।
कौंसिल प्रधान की मनमानियों का भंडाफोड़:
मीटिंग के दौरान नगर परिषद के ईओ. भट्टी ने बिना नाम शामिल किए आरोप लगाते कहा कि कमेटी के प्रधान जो कि अकाली दल से संबंधित राजनेता भी हैं वह हमारे पर दबाव डालते रहते हैं जिस से हम लोग प्रधानों के नौकर बनकर रह
गए हैं ना कि जनता के। यहां तक कि कमेटी के प्रधान धमकी भी देने से गुरेज नहीं करते कि यदि हमारा कहा नहीं माना तो आपका (हमारा) ट्रांसफर करवा दिया जाएगा।
ठेकेदार समेत पांच अधिकारी दिल्ली में तलब:
रेस्टहाऊस में पहुंचे ठेकाआधारित सफाई कर्मियों से बातचीत करने के बाद स्वामी सदानंद महाराज ने नगर सुधार ट्रस्ट के दो अधिकारियों एक्सीअन सुखजीत सिंह व एसडीओ लछमण दास को सारा रिकार्ड लेकर ठेकेदार, ईओ., अकाऊंटेंट समेत दिल्ली में तलब होने के आदेश दिए। चेतावनी दी कि लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी।