मोगा 8 नवम्बर (गुरदेव भंग) भले ही पंजाब सरकार की और से प्रालि की नाड़ को आग लगाने वालो के खिलाफ कड़े कानून बनाये गए है, लेकिन सरकार की अनदेखी व् प्रशासनिक अधिकारीयो की लापरवाही के चलते राज्य के जिला मोगा मैंकिसानो द्वारा प्रालि को आग लगाने का सिलसिला बा दस्तूर जारी है.
जिसके चलते आलम ये है की शाम 4 बजते ही जीटी रोड़ से गुजरने वाला शायद ही कोई वाहन ऐसा हो जो की बिना हेड लाइट जलाये अपना वाहन चला सके. इसके साथ इस प्रालि को लगी आग के धुएं से स्थानीय हस्पताल मैं चमड़ी रोग, आँखों के रोग व् दमे आदी के रोग वाले मरीजों की संख्या मैं ख़ासा इजाफा हो रहा है. मीडिया के रूबरू जहा राहगीरों ने सरकार व् प्रशासन से प्रालि को आग लगाने वालो से सख्ती से निपटने की मांग की, वही प्रशासनिक अधिकारीयो का वही रटा रटाया जवाब था की कार्यवाही की जा रही है.
मीडिया के रूबरू किसानो ने माना की हालांकी प्रालि को आग लगाने से वातावरण मैं अनेक प्रकार की बीमारीयां फ़ैल रही है. लेकिन उनका तर्क है की अगर सरकार किसानो को प्रालि की संभाल का खर्च दे, तो किसान प्रालि को आग नही लगाएंगे।
जबकी अनेक राहगीरों ने वातावरण मैं प्रालि को आग लगाने से फैले धुएं को सरकार व् प्रशासन की नाकामी बताते हुए कहा की कानून केवल किताबो तक ही सिमट कर रह गए है. राहगीरों ने प्रालि लो आग लगाने वालो से सख्ती से निपटने की बात कही.
इस संबंधी जब प्रशासनिक अधिकारी SDM सुखप्रीत सिंह सिद्धू से बात की गयी तो उनका वही रटा रटाया जवाब था की विभिन टीमे बनाकर इस संबंधी कानून की उलंघना करने वालो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने वातावरण मैं फैले धुएं के लिए पैडी की नाड़ को आग लगाने के इलावा बदलते मौसम व् पैडी की कटाई से उड़ने वाली मिट्टी को भी जिम्मेवार ठहराया।