भगवान धन दौलत के नहीं, श्रद्धा व सच्ची भावना के भूखे : मुकेशानंद गिरी 

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लुधियाना 16 अक्टूबर (सी एन आई) भगवान धन दौलत के नहीं बल्कि भक्त की तरफ से भेंट की गई श्रद्धा व सच्ची भावना के भूखे हैं। भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा की मित्रता प्रत्यक्ष प्रमाण है कि भगवान अमीर व गरीब में कभी फर्क नहीं करते। उपरोक्त उदगार गुरुदेव मुकेशानंद गिरी जी महाराज ने वीरवार को काकोवाल रोड स्थित श्री प्रेम धाम में आयोजित सत्संग में उपस्थित श्रावकों को भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा के बीच सच्ची मित्रता की जानकारी देते हुए व्यक्त किए। गुरु जी ने वर्तमान युग में मित्रता के बदलते मापदंडो पर चर्चा करते हुए कहा कि सच्चा मित्र वहीं है जो मुसीबत के समय अपने मित्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उसकी मदद करे न कि दोस्त को मुसीबत के समय धोखा देकर भाग जाए। भगवान को मनुष्य का सच्चा मित्र बताते हुए उन्होने कहा कि भगवान से मित्रता करने वाले भक्त की एक पुकार पर भगवान उसके हर दुख में सहाय बनकर दुखों का निवारण करते है। भगवान को 56 भोग अर्पित करने की परम्परा का जिक्र करते हुए गुरुदेव ने कहा कि श्रद्धा के बगैर भगवान को अर्पित किए जाने वाले छप्पन भोग भी बेकार हैं। और श्रद्धा के साथ अर्पित किए गए सत्तु भी भगवान को प्रिय लगते हैं। द्वापर युग में गरीब सुदामा की पोटली के सत्तू भगवान कृष्ण व त्रेता युग में भगवान राम की तरफ से भीलनी के झूठे बेर स्वीकार करना इस बात का प्रतीक है कि भगवान धन दौलत व मंहगे पकवानों के नहीं बल्कि के श्रद्धा व भावों के भूखे है। सत्संग के समापन पर श्री प्रेम धाम ट्रस्ट के सदस्यों ने सामूहिक आरती उतार कर सत्संग को विश्राम दिया। भगवान को भोग अर्पित कर भंडारा वितरित हुआ। इस अवसर पर बाबा गोपाल दास,बाबा दीपक,पंडित सोहन लाल,नरिंदर गुप्ता,मनमोहन मित्तल,सुदेश गोयल,रवि गोयल,सुमित गोयल,विनोद गोयल,प्रेम सिंगला,राजिंदर मिगलानी,महेश सिंगला,रमेश बांसल,अनिल धमीजा,अशोक गर्ग,अजय गुप्ता,नितेश कपूर,कुमार रोहित,रूबी ठाकुर,राजीव शर्मा,मनोज शर्मा,सोनू भल्ला इत्यादि उपस्थित थे