सरकार की बेरुख़ी कारण आदर्श स्कूल हुए लवारिस गाँव कालेके के आदर्श स्कूल के अध्यापकों के साथ साथ विद्यार्थियों ने भी लगाए सरकार के खिलाफ नारे,

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बरनाला,27 नवम्बर (अखिलेश बंसल/विपन गुप्ता) सरकार की बेरुख़ी कारण आदर्श स्कूल लवारिस हो चुके हैं। आठ महीने से अध्यापकों को वेतन नहीं मिला और बच्चों को किताबें व सहूलतें नहीं मिल
सकी। बरनाला में आदर्श स्कूल अध्यापकों की हड़ताल को 21 दिन बीत चुके हैं लेकिन उनकी किसी ने सार नहीं ली है। जिससे स्कूल का प्रबन्धन रामभरोसे हो गया है और स्कूल के नौनिहाल बच्चें भी अपने अध्यापकों के साथ हड़ताल में बैठें हैं। जिन्होंने पंजाब सरकार और शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी के खिलाफ
नारेबाजी की।
यह बताया मामला- सरकार द्वारा आदर्श स्कूल निजी भाईवाली अधीन (पी. पी. पी) मोड चलाया जा
था, लेकिन एफ.सी.एस कंपनी जो कि इन स्कूलों को चला रही थी। उस कम्पनी ने मार्च, 2017 को ईमेल पत्र द्वारा पत्र भेज स्कूल बंद कर दिया था। उस समय से लेकर अब तक यह स्कूल अध्यापिका और एस.एम.सी कमेटी और परिजनों के सहयोग से अपने स्तर पर चलाया जा रहा था। सरकार की बेरुख़ी के कारण अब यह स्कूल लवारिस हो चुके है। आदर्श स्कूलों के अध्यापक पिछले आठ महीनों से अपने
वेतन के लिए तरस रहे हैं और सालाना पेपर सिर पर होने के कारण बच्चे अपने भविष्य के लिए चिंतित हैं।
धरनाकारियों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, डीजीएसई से मामला हल करने के लिए गुहार लगाई है। किसी के द्वारा कोई सहयोग नहीं मिलने पर किसान संगठनों ने सडक़ों पर उतरना शुरू कर दिया है। किसान जत्थेबंदियों ने चेतावनी दी है कि अगर इन स्कूलों को नहीं चलाया गया तो संघर्ष को तेज कर दिया जाएगा।