अफिम किसानों की नाराजगी को दुर नही कर पा रहे सांसद – गुप्ता

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नीमच 07 दिसम्बर (गोपालदास बैरागी) – अफिम के पट्टो की बहाली को लेकर क्षैत्रिय सांसद किसानो की नाराजगी को दुर करने में नाकाम साबित हो रहे है।तो वही दुसरी और अफिम के लायसेन्स को लेकर स्वयं अन्नदाता किसानो को ही मन्दसौर से लेकर दिल्ली तक धरना प्रदर्शन करना पड़ा।परन्तु सांसद किसानो की अफिम लायसेन्स की समस्या को लेकर गम्भीर नही दिखे व उट के मुह मे जिरे के समान चन्द धरती पुत्रो को अफिम लायसेन्स जारी करवाने का श्रेय लेना चाहते है।परन्तु संसदिय क्षैत्र के किसानो की अफिम के लायसेन्स सम्बन्धित नाराजगी को दुर नही कर पा रहे है।उक्त बात संजित ब्लॉक कांग्रेस के पुर्व युथ अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कही।
साथ ही युवा अध्यक्ष श्री गुप्ता ने सांसद को आड़े हाथ लेते हुए कहा की वर्ष 2013-14 में बे मोसम बारिश से संसदिय क्षैत्र के धरती पुत्रो की अफिम फसल चौपट हुई थी।परन्तु प्राकृतिक आपदा के बरपाये कहर के बिच भी अफिम उत्पादक किसानो ने विभाग को अच्छी गाडता वाली अफिम दी थी।परन्तु अफिम विभाग की नीमच फेक्ट्री से अन्नदाता किसानो की अफिम को ज्यादा क्लासे लगाकर किसानो की अच्छी अफिम की औसत कमी करके किसानो को दोहरे संकट के बिच लाकर रख दिया।परन्तु वर्ष 2013-14 के प्राकृतिक संकट को सरकार समझ नही पाई और प्राकृतिक कहर बरपाने के बाद भी किसानो के अफिम लायसेन्स खामिया बया कर रोक दिए गए।अफिम के रूके हुए लायसेन्स को लेकर अन्नदाता किसान मन्दसौर से लगाकर दिल्ली तक आन्दोलन करने के लिए मजबुरन भटकते रहे व अपनी दु:ख भरी दास्ता को दिल्ली के दफतरो मे बैठे सरकारी अफसरो के कानो तक पहुचाने को विवशता पुर्वक खासी परेशानियो का सामना करते आ रहे।परन्तु किसानो की अफिम लायसेन्स की परेशानी भरे दौर मे कोई भी किसानो की सुध लेने को तय्यार नही है।वही ऊँट के मुह मे जिरे के समान कुछ अफिम किसानो को अफिम लायसेन्स जारी कर सांसद की मेहनत रंग नही ला सकती है।वर्ष 2013-14 में अफिम फसल पर बरपाई प्राकृतिक आपदा को क्षैत्र के धरती पुत्र कभी नही भुल पाएंगे। साथ ही गुप्ता का कहना है की वर्तमान में लोक सभा सत्र भी चल रहा है। परन्तु अफिम किसानो की बद नसीबी यह है की संसद के अन्दर अफिम की फसल व अफिम किसानो की बात रखने वाला तक कोई नही है।साथ ही गुप्ता ने जिम्मेदारो को आड़े हाथो लेते हुए कहा की अफिम किसान बड़ी मेहनत से अफिम की खेती करते है।जिसमे काफी तोर पर लागत भी लगती है।परन्तु अफिम फसल मे किसानो व्दारा लगाई गई लागत के अनुसार अफिम किसानो को अफिम की किमत नही मिलती है।
साथ ही गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा की प्राकृतिक आपदाओं पर किसानो को राहत देने की बजाय किसानों के अफिम लायसेन्स ही छिन लिए जाते है जो किसानो पर अन्याय व अत्याचार करने से कम नही है।
वही गुप्ता ने पुर्व सांसद सुश्री मिनाक्षी नटराजन के अफिम किसानो के हितो मे लिए फेसलो पर नजर डालते हुए कहा की पुर्व सांसद मिनाक्षी नटराजन नें अफिम की ओसत की कमी को देखते हुए 53 किलो प्रति हेक्टीयर की औसत के अनुसार अफिम लायसेन्स जारी करवा कर चिन्तित धरती पुत्रो को उत्साहित करवा कर राहत स्वरूपी सौगात प्रदान करवाई थी।परन्तु अफिम फसल व अफिम किसानो पर प्राकृतिक मार व लायसेन्स की बहाली को लेकर वर्तमान सांसद अपनी भुमिका नही निभा पा रहे है।जिसको लेकर संसदिय क्षैत्र के किसानो मे अफिम लायसेन्स की समस्या का समाधान नही होने से सांसद के प्रती नाराजगी व्याप्त है।