पीएमटी फर्जीवाड़े की जांच में नया मोड़ पुलिस के सामने 13 साल पहले आ गया था

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ग्वालियर। 26 दिसंबर [सीएनआई ब्यूरो]पीएमटी फर्जीवाड़े की जांच में नया मोड़ आ सकता है। जांच एजेंसियां इस गोरख धंधे की शुरूआत 10 साल पहले मान रही हैं, लेकिन ठेके पर पीएमटी पास कराने का कारोबार पुलिस के सामने 13 साल पहले आ गया था। तब पुलिस ने इसे ज्यादा तबज्जो नहीं दी थी, हाल ही में सीबीआई को इसके सुराग मिले हैं। डॉ0 सगर ने यूपी के छात्र से दो लाख में पीएमटी पास कराने का ठेका लिया था, इसके अलावा पीएमटी फर्जीवाड़े में एसआईटी के आरोपी रहे गुलाब सिंह किरार और डॉ0 सागर के बीच 6 लाख के लेन-देन का विवाद भी रहा है। सगर और गुलाब सिंह में लेन-देन की बजह भी सीबीआई के लिये जांच का सबब है। सीबीआई और एसआईटी के सामने कई आरोपी स्वीकार कर चुके हैं कि फर्जीवाड़ा करीब 15 साल से भी अधिक पहले का है। पीएमटी फर्जीवाड़े में आरोपी रहे उस समय झांसी रोड़ निवासी गुलाब किरार का भी सगर से 13 साल पुराना याराना हैं। 6 लाख लेन-देन पर उनका मामला बिगड़ा था। गुलाब सिंह ने तब पड़ाव पुलिस से षिकायत की थी कि जगदीष सगर उसकी पत्नी सुनीता ने 22 जुलाई 2002 को आरटीओ कार्यालय में उनसे 6 लाख रूपये उधार लिये थे, फिर रकम नहीं लौंटाई। पुलिस ने अपराध क्रमांक 425/2 में धारा 420, 34 के तहत केस दर्ज किया था।cbi vyapam pmt