इसी सदी में भारत विश्व का आध्यामिकता के लिए मार्गदर्शन करेगा ; गवर्नर सोलंकी

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इसी सदी में भारत विश्व का आध्यामिकता के लिए मार्गदर्शन करेगा ; गवर्नर सोलंकी
चण्डीगढ़, 15 नवम्बर ; गगनदीप सिंह /एनके धीमान /करण शर्मा ;— हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा है कि चरित्र और आध्यात्मिकता भारत की पहचान है तथा 21 वीं सदी में भारत ही विश्व को इसकी राह दिखाएगा।
राज्यपाल आज सैक्टर 35, चंडीगढ़ स्थित लॉ भवन में आयोजित आचार्य तुलसी की 102वीं जयंती पर समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज के युग में व्यक्ति के अंत:करण का विकास किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जब अपने अन्त:करण का विकास कर पूरे समाज से एकाकार हो जाता है वही स्थिति मोक्ष कहलाती है। तब उसे पूरे समाज का दुख-दर्द उसे अपना दुख-दर्द लगता है।
आचार्य तुलसी की जयंती पर बधाई देते हुए प्रो0 सोलंकी ने कहा कि आचार्य तुलसी ऐसे ही महान संत थे जिन्होंने समाज के दुख-दर्द को अपना बना लिया था। उन्होंने समाज की पीड़ा को अनुभव करते हुए प्रर्दा पर्था, दहेज पर्था, मृत्यु भोज आदि का विरोध किया। उनके द्वारा शुरू किये गए अणुव्रत की आज पूरे विश्व को जरूरत है। अणुव्रत आन्दोलन में छोटी-छोटी कमियों के त्याग के द्वारा चरित्र का उत्थान किया जाता है।
इस अवसर पर मुनिश्री विनय कुमार आलोक ने भी अपने विचार रखे। तेरापंथ सभा चण्डीगढ़ के अध्यक्ष वेदप्रकाश ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मनोज जैन ने धन्यवाद प्रकट किया।