एसआईटी की लापरवाही से मिली उपरीत और डाॅ0 जौहरी को जमानत।

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ग्वालियर। 07 सितम्बर (सीएनआई ब्यूरो) एसआईटी डीमेट घोटाले को दबाना चाहती है जिसके कारण घोटाले के सरगना योगेष चन्द्र उपरीत का चालान पेष नहीं किया गया। एसआईटी की इस योजना पर कोई शक न करे, इसलिये डाॅ0 ऋचा जौहरी जबलपुर के पिता डाॅ0 मुकेष स्वरूप जौहरी का चालान भी पेष नहीं किया गया। अब उपरीत का चालान पेष न करने पर फंसे एसआईटी के अधिकारी अपना दोष सीबीआई पर मढ़ रहे हैं कि उन्होंने तो सीबीआई को डेढ़ माह पहले ही इस केस की डायरी सौंप दी थी। तो वे चालान कैसे पेष करते। लिहाजा इस मामले में सीबीआई की गलती एसआईटी बता रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसआईटी डीमेट घोटाले को दबाना चाहती है तथा इसके लिये इस घोटाले के मुखिया उपरीत को बाहर लाना बहुत जरूरी था, क्योंकि अगर वह बाहर नहीं आता तो कई मंत्रियों और प्रमुख लोगों, नेताओं के नामों का खुलासा कर सकता था। बीरेन्द्र जैन एडीषन एसपी एसआई प्रमुख का कहना हैं कि डेढ़ माह पहले सीबाआई को केस हैंडओवर कर केस की चालान डायरी सौंप दी थी।
उपरीत की जान को खतरा – गौरतलब है कि योगेषचन्द्र उपरीत डीमेट फर्जीवाड़े का सरगना है तथा पुलिस के हाथ लगा सबसे बड़ा सूत्रधार है। उपरीत के अलावा पुलिस के पास अन्य कोई अहम सूत्र नहीं है। डीमेट घोटाला भी व्यापम घोटाले की तरह ही विकराल है तथा इसमें कई रसूखदार लोग शामिल हैं, जिन्हें दिन-रात पकड़े जाने की चिंता सता रही है। उपरीत की उम्र 60 वर्ष से अधिक है तथा वह केंसर का मरीज है, सूत्रों की मानें तो उपरीत की गंभीर बीमारी को देखकर उसके साथ बीमारी की ओट में कोई भी अनहोनी घटना संबंधित लोग करा सकते हैं, इसलिये डीमेट के बारे में सीबीआई या अन्य एजेंसियों को समय रहते बयान रिकाॅर्ड कर लेना चाहिये और उनकी सुरक्षा भी शासन को करना चाहिये।cbi 2 eng