कालेज का तानाशाही रवैया बदार्शत नहीं किया जाएगा-गुलेरिया

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सोलन-10 दिसंबर- (धर्मपाल ठाकुर) –  एलआर शिक्षण संस्थान से निष्कासित किए गए कर्मचारियों के समर्थन में अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई सोलन उतर आई है। एबीवीपी के तकनीकी शिक्षा विभाग के संगठन मंत्री नवनीत गुलेरिया ने कहा है कि एलआर शिक्षण संस्थान का शिक्षकों के प्रति जो तानाशही रवैया चल रहा है उसे किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं किया जाएगा। गुलेरिया ने आरोप जड़ा है कि  हिमाचल प्रदेश में मंडी के कमांद के बाद एलआर संस्थान दूसरा संस्थान हैं जहां शिक्षकों व छात्राओं को डराने के लिए बाउंसरों का सहारा लिया जा रहा है।
सोलन में गुरूवार को पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए एबीवीपी नेता नवनीत गुलेरिया ने एलआर शिक्षण संस्थान की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि एलआर संस्थान ने बिना किसी पूर्व सूचना के ही 24 कर्मचारियों को नौकरी से निष्कासित किया है। एबीवीपी संस्थान की इस कार्रवाही की कड़े शब्दों में निंदा करती है। साथ ही मांग करती है कि निष्कासित किए गए सभी कर्मचारियों को यदि वापस लिया जाए।
इस मौके पर एलआर संस्थान के पॉलीटैक्रिक अंतिम वर्ष के छात्र टिकराम व दीक्षा ने भी संस्थान की कार्यप्रणाली पर कई प्रश्रचिन्ह खड़े किए हैं। उक्त विद्यार्थियों का कहना है कि कालेज प्रबंधन तानाशही पर उतर आया है। छात्रों को बिना वजह से तंग किया जा रहा है। संस्थान की तरफ से अब तक करीब पांच दर्जन छात्र-छात्राओं के परिजनों को टेलीफोन पर धमकी दी गई है कि वह अपने बच्चों को निष्कासित शिक्षकों का साथ न देने के लिए दबाव बनाए।  यदि वह ऐसा नहीं करेंगे तो उनके भविष्य को अंधकार में धकेल दिया जाएगा।
विद्यार्थी टीकराम व दीक्षा ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि संस्थान ने जिन शिक्षकों को निष्कासित किया है वह योग्य  हैं और कालेज के ज्यादातर छात्र शिक्षकों के पठन-पाठन की कार्यशैली से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि संस्थान को 300 में से रिटेन हुए 45 छात्रों की चिंता पड़ी है,जोकि अपनी कमियों की वजह से परीक्षा में बैठ नहीं पा रहे है। संस्थान रिटेन छात्रों को गलत तरीके से छात्रों को डिग्रियां प्रदान करने के लिए शिक्षकों पर दबाव बनाता आ रहा है।  शिक्षकों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया और उन्हें नौकरी से निष्कासित किया गया है।
छात्रों ने संस्थान प्रबंधन से पूछा है कि शिक्षकों को बिना किसी कारण नौकरी से किस आधार पर निष्कासित किया है। संस्थान के उक्त निर्णय से विभिन्न संकायों में शिक्षा अर्जित कर रहे करीब 1800 छात्र-छात्राएं प्रभावित हो रहे हैं। टिकाराम व दीक्षा का आरोप है कि संस्थान ने सभी छात्रों से एक स्टांप पेपर पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए हैं,जिसमें छात्रों को 17 सूत्रीय शर्तों में बांधा गया है। यही वजह है कि अपने भविष्य को लेकर चिंतित छात्र चाह कर भी मन की बात को नहीं बता पा रहे हैं।
कई ऐसे छात्रों के नाम पर स्टांप पेपर जारी किए गए हैं जोकि अभी बालिग नहीं हुए हैं। यानि की उनकी उम्र अभी 18 वर्ष से कम हैं। दीक्षा व टिकाराम ने कहा कि सैंकड़ों स्टांप पेपर कहां से आए हैं और किसके नाम पर जारी हुए हैं इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। शिक्षकों के निष्कासन के बाद कालेज ने यूपी से नए शिक्षकों को लाया है जोकि छात्रों को डरा धमका कर निष्कासित शिक्षकों का साथ न देने का दबाव बना रहे हैं। संस्थान में कई बाउसंरों को तैनात किया गया है जो हर समय छात्र-छात्राओं को कई तरह से प्रताडि़त करते हैं। जब कालेज प्रबंधन से बाउंसरों के बारे में पूछा जाता है तो उन्हें जवाब दिया जाता है कि यह यूपी पुलिस के जवान है।
ऐसे में प्रश्र यह उठता है कि क्या हिमाचल प्रदेश के पास अपनी पुलिस फोर्स नहीं है जोकि कालेज प्रबंधन को यूपी पुलिस का सहारा लेना पड़ रहा है। उक्त विद्यार्थियों का आरोप है कि यहां पर यूपी जैसा माहौल तैयार किया जा रहा है,जिसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा। वहीं एबीवीपी के संगठन मंत्री नवनीत गुलेरिया ने कहा है कि यदि कालेज प्रबंधन ने अडिय़ल रवैये में बदलाव नहीं लाया तो छात्र संघ निष्कासित शिक्षकों तथा छात्रों के साथ मिलकर आंदोलन का बिगुल बजा देगा।
निष्कासित शिक्षकों का आंदोलन जारी
गुरूवार को भी निष्कासित कर्मचारियों ने संस्थान के बाहर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में एलआर कर्मचारी यूनियन के प्रधान डा. अभय शर्मा, गुरप्रीत सिंह, यादवेंद्र,मनीष शर्मा, वीना शर्मा, रुकमणि, विजय ठाकुर,दीपक वर्मा, उदय सेन, विशाल पठानिया, कंचन शर्मा, लतेश, सुरेंद्र सिंह, डा. मनीष मान, विवेक शर्मा ने भाग लिया। यूनियन प्रधान डा. अभय शर्मा ने बताया कि शुक्रवार वह कर्मचारी प्राइवेट रेगुलेटरी कमीशन कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी।
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