गांधी ने सत्य, अहिंसा और प्रेम को विचार और संवेदना को चरितार्थ किया

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0 नारायण महाविद्यालय में ‘गांधी जयन्ती’ पर विचार-गोष्ठी एवं ‘स्वच्छता अभियान’
फिरोजाबाद/‘गांधी जी ने सत्य, अहिंसा और प्रेम को विचार और संवेदना दोनों स्तरों पर चरितार्थ किया था,इसलिये वे महान थे।उन्होने सत्य के साथ निरन्तर प्र्योग किया और अहिंसा को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ इतना बड़ा अस्त्र बना दिया, जिसकी कल्पना खुद अंग्रेजों ने नहीं की थी।’ उक्त विचार गांधी जयन्ती के शुभ अवसर पर नारायण महाविद्यालय में आयोजित ‘गांधी,अहिंसा और स्वच्छ भारत’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में अध्यक्ष पद से बोलते हुए प्राचार्य डा0वी0के0सक्सेना ने व्यक्त किया। उप-प्राचार्य डा0जे0के0अवस्थी ने कहा कि सत्य और अहिसा पर चलना और स्वच्छ रहना,आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना कोई समाचार नहीं बनना चाहिये।’गोष्ठी में गरमाहट उत्पन्न करते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं युवा कवि-आलोचक डा0 महेश आलोक ने कहा कि गांधी अहिंसा और स्वच्छता की प्रयोगशाला हैं। स्वच्छता इतना बड़ा जीवन मूल्य है कि पर्यावर्णीय संतुलन और प्रकृति की रक्षा का इससे बड़ा अस्त्र नहीं हो सकता।अन्त में गांधी के मूल्यों को व्यवहारिक रुप देते हुए महाविद्यालय में एक वृहद मानव श्रृखला निर्मित की गयी तथा ‘स्वच्छता अभियान’ का व्यापक कार्यक्रम चलाया गया,जिसमें महाविद्यालय के तमाम शिक्षक,शिक्षणेत्तर कर्मचारी,राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र तथा अन्य सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।कार्यक्रम का संयोजन-संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डा0 महेश आलोक ने किया।