कन्नौज ~27अक्टूबर (सुरजीत सिंह कुशवाहा) बीती पांच जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा की तरह इस बार प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की भारी लापरवाही सामने आ रही है। इसके बाद भी लापरवाह और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर के लोग डरे सहमे हैं, उन्हें फिर किसी बड़ी अनहोनी की चिंता सता रही है। खुशबू फैलाने वाले शहर में जिस तरह हिंसक वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।इससे सवाल खड़े हो रहे कि क्या यह दंगे किसी की साजिश है या अधिकारियों की लापरवाही के कारण है। अगर किसी की साजिश है तो अभी तक उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की क्यों नहीं की गई है। अगर पुलिस महकमे में लापरवाह अधिकारी है तो उनके खिलाफ कार्रवाई में अभी तक देरी क्यों है। हर किसी के जहन में सवाल लाजिमी है कि आखिर कैसे शहर पहले जैसा बना सकता है और क्या सियासत करने वाले और वर्दी पहने कानून चलाने वाले इत्र नगरी की खुशबू वापस ला सकेंगे या फिर उन्हें अब इसी प्रकार के हालातों के साथ समझौता करना पड़ता रहेगा।विवादित हैं सदर कोतवाल शहर कोतवाली में तैनात कोतवाल भुल्लन यादव हमेशा विपक्षी नेताओंकी आलोचना का शिकार होते रहे है। एक पक्षीय कार्रवाई के आरोप में कईधरना प्रदर्शन कर उनके स्थानांतरण की काफी मांग की गई। इसके बाद भी उनका स्थानांतरण नहीं किया गया है। इतना ही नहीं छह दिन पूर्व शोभायात्रा में हुई गोलीबारी से पांच मिनट पूर्व शोभायात्रा में शामिल कुछ लोगों की कोतवाल से हाथापाई भी हुई थी।मृतक के घर नेताओं के पहुंचने पर पाबंदीछह दिन पूर्व शोभायात्रा में मारे गए महेश कुशवाहा के घर पर अभी तक सत्तापक्ष का कोई भी राज नेता सांत्वना देने नहीं पहुंचा है। जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी व कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल को मृतक के घर पहुंचने से पूर्व ही प्रशासनिक अधिकारियों नेजनपद की सीमा पर रोककर वापस कर दिया। मृतक महेश कुशवाहा के भाई रमेश कुशवाहा ने प्रशासन के इस रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि आखिर संवेदना व्यक्त करने वाले लोगों को उसके घर आने से क्यों रोका जा रहा है।अब तक दो आरोपियों पर हुई कार्रवाई शोभायात्रा में की गई गोलीबारी के मामले में सदर कोतवाली पुलिस ने अभी तक महज अकरम व बबलू को गिरफ्तार कर हत्या के मामले में जेल भेज है। जबकि मुकदमे के सात आरोपी अभी तक फरार चल रहे है। ताबड़तोड़ दबिश के दौरान पकड़े गए सभीआरोपियों को पुलिस ने शांतिभंग की गिरफ्तारी में भेज कर हिंसक घटना की खानापूरी में जुटी हुई है।
कन्नौज ~27अक्टूबर (सुरजीत सिंह कुशवाहा) बीती पांच जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा की तरह इस बार प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की भारी लापरवाही सामने आ रही है। इसके बाद भी लापरवाह और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर के लोग डरे सहमे हैं, उन्हें फिर किसी बड़ी अनहोनी की चिंता सता रही है। खुशबू फैलाने वाले शहर में जिस तरह हिंसक वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।इससे सवाल खड़े हो रहे कि क्या यह दंगे किसी की साजिश है या अधिकारियों की लापरवाही के कारण है। अगर किसी की साजिश है तो अभी तक उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की क्यों नहीं की गई है। अगर पुलिस महकमे में लापरवाह अधिकारी है तो उनके खिलाफ कार्रवाई में अभी तक देरी क्यों है। हर किसी के जहन में सवाल लाजिमी है कि आखिर कैसे शहर पहले जैसा बना सकता है और क्या सियासत करने वाले और वर्दी पहने कानून चलाने वाले इत्र नगरी की खुशबू वापस ला सकेंगे या फिर उन्हें अब इसी प्रकार के हालातों के साथ समझौता करना पड़ता रहेगा।विवादित हैं सदर कोतवाल शहर कोतवाली में तैनात कोतवाल भुल्लन यादव हमेशा विपक्षी नेताओंकी आलोचना का शिकार होते रहे है। एक पक्षीय कार्रवाई के आरोप में कईधरना प्रदर्शन कर उनके स्थानांतरण की काफी मांग की गई। इसके बाद भी उनका स्थानांतरण नहीं किया गया है। इतना ही नहीं छह दिन पूर्व शोभायात्रा में हुई गोलीबारी से पांच मिनट पूर्व शोभायात्रा में शामिल कुछ लोगों की कोतवाल से हाथापाई भी हुई थी।मृतक के घर नेताओं के पहुंचने पर पाबंदीछह दिन पूर्व शोभायात्रा में मारे गए महेश कुशवाहा के घर पर अभी तक सत्तापक्ष का कोई भी राज नेता सांत्वना देने नहीं पहुंचा है। जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी व कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल को मृतक के घर पहुंचने से पूर्व ही प्रशासनिक अधिकारियों नेजनपद की सीमा पर रोककर वापस कर दिया। मृतक महेश कुशवाहा के भाई रमेश कुशवाहा ने प्रशासन के इस रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि आखिर संवेदना व्यक्त करने वाले लोगों को उसके घर आने से क्यों रोका जा रहा है।अब तक दो आरोपियों पर हुई कार्रवाई शोभायात्रा में की गई गोलीबारी के मामले में सदर कोतवाली पुलिस ने अभी तक महज अकरम व बबलू को गिरफ्तार कर हत्या के मामले में जेल भेज है। जबकि मुकदमे के सात आरोपी अभी तक फरार चल रहे है। ताबड़तोड़ दबिश के दौरान पकड़े गए सभीआरोपियों को पुलिस ने शांतिभंग की गिरफ्तारी में भेज कर हिंसक घटना की खानापूरी में जुटी हुई है।
 
                 
 
		





