ग्वालियर।21 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) म.प्र. में 500 करोड़ का छात्रवृति घोटाला सामने आया है, छात्रवृति में गड़बड़ी विभाग के अफसरों और काॅलेज प्रबंधन की मिलीभगत से होता था। घोटाला करने वालों को कुछ आईएएस और आईपीएस अफसरों ने संरक्षण दे रखा था। इस संरक्षण के बदले अफसरों की पत्नी और नाते रिष्तेदारों को मोटी तनख्वाह पर संचालक नौकरी देते थे, सूत्रों के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस की जांच में अब तक 100 मामलों का खुलासा हुआ है। ग्वालियर संभाग में 38 काॅलेजों पर मामले दर्ज हो चुके हैं। इंदौर के 70 काॅलेज जांच के दायरे में हैं, जबलपुर में 30, बालाघाट, छिंदबाड़ा में 6-6, नरसिंहपुर, कटनी, मंडला सहित अन्य जिलों में 2 से 4 तक काॅलेज जांच के दायरे में हैं। राज्य सरकार से लोकायुक्त ने 2009 से दी गई छात्रवृति का विस्तृत रिकाॅर्ड तलब किया है। डीजी लोकायुक्त अजय कुमार के अनुसार अलग-अलग विंग में मामले दर्ज हुये हैं, उन्होंने बताया कि एक छात्र के नाम से लगातार 3 साल तक फर्जी तरीके से छात्रवृति निकाली गई है।
ग्वालियर।21 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) म.प्र. में 500 करोड़ का छात्रवृति घोटाला सामने आया है, छात्रवृति में गड़बड़ी विभाग के अफसरों और काॅलेज प्रबंधन की मिलीभगत से होता था। घोटाला करने वालों को कुछ आईएएस और आईपीएस अफसरों ने संरक्षण दे रखा था। इस संरक्षण के बदले अफसरों की पत्नी और नाते रिष्तेदारों को मोटी तनख्वाह पर संचालक नौकरी देते थे, सूत्रों के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस की जांच में अब तक 100 मामलों का खुलासा हुआ है। ग्वालियर संभाग में 38 काॅलेजों पर मामले दर्ज हो चुके हैं। इंदौर के 70 काॅलेज जांच के दायरे में हैं, जबलपुर में 30, बालाघाट, छिंदबाड़ा में 6-6, नरसिंहपुर, कटनी, मंडला सहित अन्य जिलों में 2 से 4 तक काॅलेज जांच के दायरे में हैं। राज्य सरकार से लोकायुक्त ने 2009 से दी गई छात्रवृति का विस्तृत रिकाॅर्ड तलब किया है। डीजी लोकायुक्त अजय कुमार के अनुसार अलग-अलग विंग में मामले दर्ज हुये हैं, उन्होंने बताया कि एक छात्र के नाम से लगातार 3 साल तक फर्जी तरीके से छात्रवृति निकाली गई है।