डीएमसी के लॉन्ड्री ब्वॉयज ने यू-ट्यूब से सीखा नकली नोट बनाना, 4 माह में 27 लाख की करंसी छापी, गिरफ्तार

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लुधियाना. लुधियाना में नकली करंसी छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस के मुताबिक, डीएमसी में काम करने वाले दो लॉन्ड्री ब्वॉयज ने शॉर्ट कट तरीके से पैसे कमाने के लिए यू-ट्यूब से नकली नोट छापना सीखा। वहीं से डीलर भी ढूंढकर सप्लाई भी शुरू कर दी, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इन लोगों ने 4 महीने में 27 लाख की नकली करंसी छाप डाली। 22 लाख 60 हजार 600 रुपए के जाली नोट, एक बाइक, प्रिंटर, लैपटॉप, लैमिनेटर, बैग, दो मोबाइल, कटर, 8 स्याही ट्यूब, एक बिनर, तेजाब, 19 केमिकल पाउच और 2 स्केल बरामद हुए हैं।

आरोपियों की पहचान रायकोट के गांव ताजपुर के रहने वाले विक्की (22) और अयाली खुर्द के साहिल पुहाल (21) के रूप में हुई है। डीसीपी क्राइम सिमरतपाल सिंह ढींडसा, एडीसीपी हरीश दयामा और सीआईए-3 के यशपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनकी टीम ने शिमलापुरी इलाके में नाकाबंदी की थी। इस दौरान दोनों आरोपी बाइक पर बैग लेकर जा रहे थे। शक के आधार पर उन्हें रोककर जब बैग की चेकिंग की तो उसमें से 9.17 लाख की नकदी मिली। पूछताछ में पहले तो उसे अपना बनाते रहे, लेकिन सख्ती से पूछा तो आरोपियों ने माना कि नोट नकली हैं। इसे देखकर पुलिस भी चकमा खा गई। इसके बाद दोनों आरोपियों के घरों पर पुलिस ने रेड की और वहां से 22 लाख रुपए रिकवर किए।

छत्तीसगढ़ के व्यक्ति के जरिए चलाए नकली नोट
आरोपियों ने नरेश से फोन पर कॉन्टेक्ट किया। उसने कहा कि छपी हुई करंसी उसे दें, वो उनके लिए डील करेगा। इसी तरह से उन्होंने आरोपी के साथ 5 लाख रुपए की चार डील करवाई। जबकि बाकी के 22 लाख रुपए की डील करनी बाकी थी। 5 लाख में से 2.50 लाख रुपए आरोपियों को मिल चुके हैं। आरोपियों ने बताया कि जो पैसे उन्हें मिली, उसी से उन्होंने मंहगा सामान खरीदा, जिसके बाद ज्यादा नोट छापने लगे। आरोपी 2 हजार, 500 और 100 रुपए के नोट छापते थे।

एक आरोपी 8वीं और दूसरा मैट्रिक फेल
आरोपी विक्की ने पूछताछ में बताया कि वह 8वीं और उसका दोस्त साहिल दसवीं फेल है। वो दोनों डीएमसी अस्पताल में लॉन्ड्री में काम करते हैं। वहीं उनकी दोस्ती हुई थी। उन दोनों ने पैसे कमाने के लिए कोई शॉर्टकट ढूंढा। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर नोट छापने के बारे में सीखा। जब समझ नहीं आया तो उन्होंने कमेंट्स सेक्शन में कमेंट कर आसान तरीका समझाने का कमेंट लिखा। इसके बाद उन्हें एक नरेश कुमार नाम के शख्स का मैसेज आया, जोकि खुद को छत्तीसगढ़ का बताता था। उसने उन्हें नोट छापने के बारे में समझाया। आरोपियों ने ब्याज पर पैसे लेकर सारा सामान खरीदा और फिर नोट छापने शुरू कर दिए।

तीसरे आरोपी की तलाश जारी
तीसरे आरोपी नरेश ने उनके पैसों का वहां की मार्केट में बड़े दुकानदारों को चलाया। पुलिस को अब उसकी पहचान है। पुलिस को ये पता नहीं कि आरोपी छत्तीसगढ़ का है भी या नहीं। लिहाजा अब उसके मोबाइल नंबर को ट्रेस किया जा रहा है।