(मनोज शर्मा)हरिद्वार- दशहरा से लेकर दीवाली तक हरिद्वार के लिए ऐसा समय है जब यात्रियों की अछि खासी भीड़ रहती है इस समय बंगाली सीजन भी रहता है और ऐसे समय में हरिद्वार के ह्रदय स्थल हरकी पौड़ी पैर स्नान के लायक जल ही नहीं होता है हार्डी पूरी पैर गंगाजल नहीं होने का सीधा असर हरिद्वार के बाजार पैर पड़ता है गंगा की धरा बंद होने के साथ ही हरिद्वार का व्यापारभी जलस्तर की तरह घट जाता है अब हरिद्वार से गंगा बंद का समय बदलने की मांग उठी है, अंग्रेजो के jamane से ही हरिद्वार में गंगा बंद दशहरा से लेकर छोटी दिवाली तक होती है इस समय हरिद्वार में यात्रिओ की भीड़ रहती है लेकिन बंगा बंद के चलते व्यापारी हरकी पौड़ी की और जाना नहीं चाहते जिसके चलते बैनर से आने वाले यात्रियों के सामान के प्रमूख बाजार में रौनक नहीं रहती है कई बार ऐसा भी होता है की मैन्टीनेन्स और सफाई के लिए गंगनहर बंद तो केर दी जाती है लेकिन इस अवधि में कोई काम नहीं होता और फिर सुरु होता है अधिकारियो द्वारा बजट को ठिकाने लगाने का काम,
(मनोज शर्मा)हरिद्वार- दशहरा से लेकर दीवाली तक हरिद्वार के लिए ऐसा समय है जब यात्रियों की अछि खासी भीड़ रहती है इस समय बंगाली सीजन भी रहता है और ऐसे समय में हरिद्वार के ह्रदय स्थल हरकी पौड़ी पैर स्नान के लायक जल ही नहीं होता है हार्डी पूरी पैर गंगाजल नहीं होने का सीधा असर हरिद्वार के बाजार पैर पड़ता है गंगा की धरा बंद होने के साथ ही हरिद्वार का व्यापारभी जलस्तर की तरह घट जाता है अब हरिद्वार से गंगा बंद का समय बदलने की मांग उठी है, अंग्रेजो के jamane से ही हरिद्वार में गंगा बंद दशहरा से लेकर छोटी दिवाली तक होती है इस समय हरिद्वार में यात्रिओ की भीड़ रहती है लेकिन बंगा बंद के चलते व्यापारी हरकी पौड़ी की और जाना नहीं चाहते जिसके चलते बैनर से आने वाले यात्रियों के सामान के प्रमूख बाजार में रौनक नहीं रहती है कई बार ऐसा भी होता है की मैन्टीनेन्स और सफाई के लिए गंगनहर बंद तो केर दी जाती है लेकिन इस अवधि में कोई काम नहीं होता और फिर सुरु होता है अधिकारियो द्वारा बजट को ठिकाने लगाने का काम,