.प्रमुख सचिव षिक्षा को हाईकोर्ट का नोटिस।

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ग्वालियर १ अक्टूबर [सीएनआई] उच्च न्यायालय ने रविन्द्र कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुये प्रमुख सचिव षिक्षा विभाग, आयुक्त षिक्षा विभाग को अवमानना मामले में नोटिस जारी करने के निर्देष दिये। न्यायमूर्ति यूसी माहेष्वरी तथा न्यायमूर्ति डीके पालीवाल की युगलपीठ ने पूर्व में विजय तिवारी की जनहित याचिका का निराकरण करते हुये आदेष दिया था कि सीबीएससी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें तथा एमपी बोर्ड स्कूलों में म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों से पढ़ाई करायें, इस संबंध में 45 दिन में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर निर्णय करने के आदेष दिये थे। इस आदेष का पालन न होने पर एड्वोकेट राजा गिर्राज शर्मा के माध्यम से रविन्द्र कुमार शर्मा द्वारा यह अवमानना याचिका प्रस्तुत की गई, जिसमें उक्त निर्देष दिये गये हैं। बताया गया कि प्रायवेट विद्यालयों में अनावष्यक किताबें बच्चों से मंगवाई जाती हैं, जिससे बच्चों पर बस्ते का बोझ और आर्थिक परेषानी बढ़ती है तथा रीड की हड्डी पर दुष्प्रर्भाव पड़ता है। सबसे ज्यादा उनके मन पर प्रभाव पड़ता है, एड्वोकेट राजा शर्मा का कहना था कि एलकेजी, यूकेजी से लेकर कक्षा 5 तक कई विद्यालयों में 15 से 16 किताबें अलग से मंगवाई जाती हैं, यह बच्चों पर प्रताड़ना हैं। याचिका में निवेदन किया कि बच्चों पर पुस्तकों का बोझ कम कियाhc2 जाये।