ग्वालियर।५ दिसंबर [सीएनआई ] डबरा बिजली कंपनी के कुछ नव नियुक्त अधिकारी शहर में कंपनी के कर्मचारी होने के बाद भी स्वयं को सरकारी बताते हुये, लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करा रहे हैं और एक जाति विषेष के लोगों को ठेका देकर कनेक्षन काटने-जोड़ने के नाम पर लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ अवैध बसूली की षिकायतें भी हैं, उक्त लोगों का कहना हैं कि हम लोग बसूली में से ऊपर पैसा भेजते हैं, इसलिये हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। एक ओर प्रदेष के लोक प्रिय मुख्यमंत्री सुषासन की बात करते हैं, वहीं डबरा में बिजली कंपनी के अधिकारी बसूली के नाम पर महिलाओं के घरों में घुसकर दुर्व्यवहार गाली-गलौज कर रहे हैं और पात्र न होते हुये भी मनमानी बसूली ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिये की जाती है। साथ ही बसूली के लिये उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने के लिये प्रायवेट गार्डों को प्रतिबंधित मिलिट्री ड्रेस और गन देकर धमकाया जाता है। सूत्रों के अनुसार इसकी षिकायतें मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री तथा चीफ इंजीनियर को की गई हैं। यदि शासन ने शीघ्र कोई कार्यवाही मनमानी रोकने के लिये नहीं की तो डबरा में कभी भी साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है। क्योंकि एक वर्ग के लोगों को चैकिंग से छूट दी जा रही है। जबकि सबसे ज्यादा चोरी वहीं होती है
ग्वालियर।५ दिसंबर [सीएनआई ] डबरा बिजली कंपनी के कुछ नव नियुक्त अधिकारी शहर में कंपनी के कर्मचारी होने के बाद भी स्वयं को सरकारी बताते हुये, लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करा रहे हैं और एक जाति विषेष के लोगों को ठेका देकर कनेक्षन काटने-जोड़ने के नाम पर लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ अवैध बसूली की षिकायतें भी हैं, उक्त लोगों का कहना हैं कि हम लोग बसूली में से ऊपर पैसा भेजते हैं, इसलिये हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। एक ओर प्रदेष के लोक प्रिय मुख्यमंत्री सुषासन की बात करते हैं, वहीं डबरा में बिजली कंपनी के अधिकारी बसूली के नाम पर महिलाओं के घरों में घुसकर दुर्व्यवहार गाली-गलौज कर रहे हैं और पात्र न होते हुये भी मनमानी बसूली ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिये की जाती है। साथ ही बसूली के लिये उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने के लिये प्रायवेट गार्डों को प्रतिबंधित मिलिट्री ड्रेस और गन देकर धमकाया जाता है। सूत्रों के अनुसार इसकी षिकायतें मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री तथा चीफ इंजीनियर को की गई हैं। यदि शासन ने शीघ्र कोई कार्यवाही मनमानी रोकने के लिये नहीं की तो डबरा में कभी भी साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है। क्योंकि एक वर्ग के लोगों को चैकिंग से छूट दी जा रही है। जबकि सबसे ज्यादा चोरी वहीं होती है