ग्वालियर।। 08 सितम्बर (सीएनआई ब्यूरो) बिलौआ में हाइवे निर्माण करने वाली पीएनसी इन्फ्राटेक ने आरटीओ फार्म हाऊस में 30 बीघा से अधिक जमींन खरीदी है। क्योंकि कंपनी को हाइवे निर्माण के लिये गिट्टी की जरूरत है, इस कारण उसने उस जमींन पर खनन की परमीषन के लिये आवेदन खरिज विभाग में दिया है। नियमानुसार खदान स्वीकृत होने के बाद भी अन्य विभागों की मंजूरी के बाद क्रेषर स्थापित किये जाते हैं, लेकिन उक्त कंपनी ने पर्यावरण स्वीकृति मिले बिना ही जमींन से खोदी गई मिट्टी व पत्थरों से मैंन रोड़ तक सड़क का निर्माण भी करा दिया। बिलौआ में अवैध उत्खनन की षिकायतें काफी प्रषासन के पास पहुंच रही हैं। एनजीटी के निर्देषों के मुताबिक क्रेषर बिलौआ में नहीं लगे हैं, किसी भी खदान से एग्रीमेंट फर्जी दिखाकर क्रेषर चलाये जा रहे हैं। खदान संचालक तय सीमा से अधिक पत्थर खनिज अधिकारियों से मिलकर निकाल रहे हैं। कुछ समय पूर्व हरदोल ग्रेनाइट नामक क्रेषर की षिकायत मिलने पर डबरा तहसीलदार उमेष कौरव व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने दूरी की जांच की थी जो नियम से कम निकली उसका पंचनामा भी तैयार हुआ, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। कुछ ठेकेदार बिना लीज अवैध रूप से पत्थर खोद रहे हैं, यहां खनिज विभाग ने बीरेन्द्र चैरसिया नामक ठेकेदार पर 40 लाख रू. से अधिक का अवैध खनन का मामला बनाया था, कार्यवाही न होने से पुनः खनन शुरू हो गया है। मनीष पालीवाल खनिज अधिकारी से पूछने पर उन्होंने कड़ी कार्यवाही की बात कही। कलेक्टर डाॅ0 संजय गोयल द्वारा पत्रकारों को बताया गया कि बिलौआ में अवैध उत्खनन की षिकायतें आई हैं, इसके लिये डबरा एसडीएम व खनिज विभाग के अफसरों को कार्यवाही के आदेष दे दिये गये हैं। कलेक्टर डाॅ0 संजय गोयल ने षिकायत करने आये बिलौआ के कुछ व्यापारियों को अपनी स्टाइल में भी समझा दिया कि सही काम करो बरना कार्यवाही की जायेगी। व्यापारी चुपचाप चले आये।
ग्वालियर।। 08 सितम्बर (सीएनआई ब्यूरो) बिलौआ में हाइवे निर्माण करने वाली पीएनसी इन्फ्राटेक ने आरटीओ फार्म हाऊस में 30 बीघा से अधिक जमींन खरीदी है। क्योंकि कंपनी को हाइवे निर्माण के लिये गिट्टी की जरूरत है, इस कारण उसने उस जमींन पर खनन की परमीषन के लिये आवेदन खरिज विभाग में दिया है। नियमानुसार खदान स्वीकृत होने के बाद भी अन्य विभागों की मंजूरी के बाद क्रेषर स्थापित किये जाते हैं, लेकिन उक्त कंपनी ने पर्यावरण स्वीकृति मिले बिना ही जमींन से खोदी गई मिट्टी व पत्थरों से मैंन रोड़ तक सड़क का निर्माण भी करा दिया। बिलौआ में अवैध उत्खनन की षिकायतें काफी प्रषासन के पास पहुंच रही हैं। एनजीटी के निर्देषों के मुताबिक क्रेषर बिलौआ में नहीं लगे हैं, किसी भी खदान से एग्रीमेंट फर्जी दिखाकर क्रेषर चलाये जा रहे हैं। खदान संचालक तय सीमा से अधिक पत्थर खनिज अधिकारियों से मिलकर निकाल रहे हैं। कुछ समय पूर्व हरदोल ग्रेनाइट नामक क्रेषर की षिकायत मिलने पर डबरा तहसीलदार उमेष कौरव व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने दूरी की जांच की थी जो नियम से कम निकली उसका पंचनामा भी तैयार हुआ, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। कुछ ठेकेदार बिना लीज अवैध रूप से पत्थर खोद रहे हैं, यहां खनिज विभाग ने बीरेन्द्र चैरसिया नामक ठेकेदार पर 40 लाख रू. से अधिक का अवैध खनन का मामला बनाया था, कार्यवाही न होने से पुनः खनन शुरू हो गया है। मनीष पालीवाल खनिज अधिकारी से पूछने पर उन्होंने कड़ी कार्यवाही की बात कही। कलेक्टर डाॅ0 संजय गोयल द्वारा पत्रकारों को बताया गया कि बिलौआ में अवैध उत्खनन की षिकायतें आई हैं, इसके लिये डबरा एसडीएम व खनिज विभाग के अफसरों को कार्यवाही के आदेष दे दिये गये हैं। कलेक्टर डाॅ0 संजय गोयल ने षिकायत करने आये बिलौआ के कुछ व्यापारियों को अपनी स्टाइल में भी समझा दिया कि सही काम करो बरना कार्यवाही की जायेगी। व्यापारी चुपचाप चले आये।