बिल्डिंग बनाने के लिए यूज किया जा रहा हेलिकॉप्टर

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Posted By Sagar Chanana

देहरादून 20 नवम्बर ( सागर चन्ना) अपनी तरह के दुनिया के पहले नागरिक उड्डयन ऑपरेशन में समुद्र तल से 11,600 मीटर की ऊंचाई पर बनाई जा रही इमारत के लिए बी-3 हेलिकॉप्टर्स सामान ढोने का काम कर रहे हैं। 500 किलो से लेकर 1000 किलो तक की सामग्री को इन हेलिकॉप्टर्स द्वारा निर्माण स्थल तक पहुंचाया जा रहा है। सामग्री को जाल की मदद से हेलिकॉप्टर्स से बांध दिया जाता है और गुप्तकाशी से केदारनाथ घाटी तक पहुंचाया जाता है। यह प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हुई।

इस कार्य का निरीक्षण नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटनेरिंग (NIM) द्वारा किया जा रहा है। NIM ने देवभूमि एविएशन (DBA) कंपनी की मदद ली है और राज्य की पहली एविएशन कंपनी है, जिसने इस कार्य के लिए बी-3 हेलिकॉप्टर्स का प्रयोग किया है। DBA के डायरेक्टर योगेंद्र राणा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘यह दुनिया का पहला ऐसा ऑपरेशन है जो 11,600 फीट की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।’
राणा के मुताबिक इससे पहले साउथ अमेरिका में 8,500 फीट की ऊंचाई पर इस तकनीक का प्रयोग किया गया था। इससे समय की काफी बचत होती है। अगर इतनी भारी सामग्री को मैनुअली केदारनाथ तक ले जाया जाता तो इसमें बहुत वक्त लगता। इस कार्य में कई कर्मचारियों को लगाना पड़ता, जिन पर रोजाना 36 हजार रुपए का खर्च आता, लेकिन इस तकनीक की मदद से काम भी घंटों में खत्म हो जाता है और 12 हजार रुपए खर्च होते हैं।
राणा बताते हैं कि DBA के पास यह प्रॉजेक्ट आने के बाद उन्होंने राज्य सरकार के साथ सारी औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी कीं, जिनमें पांच महीने का वक्त लगा। जब सभी समस्याओं का निदान कर लिया गया तो कंपनी ने काम शुरू कर दिया जो इस साल के समाप्त होने तक चलेगा।

इस कार्य के लिए बेहद कुशल पायलट की जरूरत होती है, क्योंकि जब हेलिकॉप्टर में वजन लटका होता है तो उसे उड़ाना काफी मुश्किल हो जाता है। हेलिकॉप्टर के पायलट अनुपम कठूरिया कहते हैं, ‘सामान को हेलिकॉप्टर से या तो केबल से बांधा जाता है या जाल में बांधकर लटकाया जाता है। सामग्री ऐसी होती है, जिसे हेलिकॉप्टर के अंदर नहीं रखा जा सकता। ऊंचाई पर जैसे-जैसे हवा हल्की होती जाती है, इंजन को और कठिन तरीके से काम करना पड़ता है। तब स्पीड कम करनी पड़ती है।’