भाजपा नेता सुब्रत पाठक के घेर पुलिस ने दी दविस

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कन्नौज 27 अक्टूबर (सुरजीत सिंह कुशवाहा) कन्नौज में हो रही हिंसा के मामले में पुलिस ने संडे की देर रात भाजपा के दिग्गज नेता सुब्रत पाठक के घर छापे की कार्रवाई की। आधी रात तीन दर्जन गाड़ियों के साथ पहुंचे पुलिस वालों ने करीब सवाघंटे तक सुब्रत पाठक के घर की तलाशी ली लेकिन न तो सुब्रत पाठक मिले और न ही उनके घर पर कोई भी आपत्तिजनक वस्तु। छापे की कार्रवाई बड़े पुलिस अफसरों की मौजूदगी में हुई। पुलिस अफसरों ने परिजनों से सुब्रत पाठक के बाबत पूछताछ की लेकिन परिजन सुब्रत पाठक की लोकेशन नहीं बता सके। वहीं कानपुर में भी कई भाजपा नेता पुलिस की रडार पर चढ़े हुए हैं। नौबस्ता में शनिवार देर रात एक भाजपा नेता के पुत्र समेत करीब आठ लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद सोमवार को पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में भी ले लिया। माना जा रहा है कि चमनगंज, फजलगंज और सीसामऊ की थाना पुलिस जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां फुटेज देखने के बाद कर सकती हैं।                कन्नौज ब्यूरो चीफ   के मुताबिक रात करीब ढाई बजे एक बड़े पुलिस अफसर और कोतवाल की अगुवाई में पुलिस फोर्स का काफिला खटिकाना स्थित भाजपा नेता सुब्रत पाठक के घर पहुंचा। पुलिस बल ने सुब्रत पाठक के मकान को चारो तरफ से घेरने के बाद मेन गेट को खुलवाया। भारी पुलिस बल ने काफीदेर तक उनके घर की तलाशी ली। कोईभी आपत्तिजनक वस्तु न मिलने पर पुलिस ने सुब्रत पाठक के बाबत पूछताछ की तो परिजनों ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है। सुब्रत पाठक का मोबाइल भी बंद मिला। करीब तीन दर्जन गाड़ियों में आई पुलिस को देख मोहल्ले के लोग भी दहशत में आ गए। सूत्रों की मानें तो पूरी कार्रवाई ऊपर से आने के बाद की गई। सूत्रो की मानें तो कन्नौज पुलिस का माननाहै कि कन्नौज में बढ़ी हिंसा के पीछे सुब्रत पाठक का हाथ है। शोभायात्रा मे पथराव और फायरिंग के बाद सुब्रत पाठक मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने हमलावरों की गिरफ्तारी न होने तक यात्रा न निकालने की बात भी कही थी। बताया जा रहा है कि छापेकी कार्रवाई की भनक सुब्रत पाठकको काफी पहले मिल गई थी। जिसकी वजह से वह शाम को ही गुपचुप ढंग से दिल्ली चले गए। गौरतलब है कि तीन महीना पहले भी कन्नौज में दंगा हुआ था। जिसमें कन्नौज पुलिस ने सुब्रत पाठक के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई संगीन मामलों में रिपोर्ट दर्ज की थी।वहीं दूसरी तरफ कानपुर शहर पुलिस के रडार पर भी कई नेता आ गए हैं। जिन चार थानों में पुलिस ने 2000 हजार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है, वहां पर पुलि फोटो और वीडियोग्राफी के जरिए उपद्रव करने वाले लोगोंकी पहचान करने की कोशिश कर रही है। नौबस्ता पुलिस ने घटना वालीरात ही दक्षिण जिले के पूर्व अध्यक्ष के बेटे समेत आठ लोगों के खिलाफ सेवन क्रिमिनल एक्ट समेत करीब आधा दर्जन संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने दो आरोपितों को आज उठा भी लिया। हालांकि उनकी गिरफ्तारी पुलिस ने अभी नहीं दिखाई है। इन दोनों आरोपितों के जरिए पुलिस भाजपा नेता के पुत्र तक पहुंचनाचाहती है। नौबस्ता पुलिस का कहना है कि घटना वाली रात भाजपा नेता के पुत्र ने ही साथियों के साथ सांप्रदायिक उन्माद फैलानेकी कोशिश की थी। पुलिस का कहना है कि भाजपा नेता के पुत्र पर कईमुकदमें पहले से ही चल रहे हैं। सभी आरोपितों के अपराधिक इतिहास को भी खंगाला जा रहा है। वहीं फजलगंज, सीसामऊ और चमनगंज के साथ रायपुरवा पुलिस के रडार पर कई भाजपा नेता हैं। सूत्रों की मानें तो सबूत हाथ लगते ही पुलिस कभी इन नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है। इसमें वो नेता भी शामिल हैं जिन्होंने बवाल वाले दिन वाट्सएप के जरिए सूचनाएं और फोटो को मैसेज कर हिंसा को बढ़ाने की कोशिश की थी।