हिमाचल में विपक्ष की [भी] ख़ामोशी की भूमिका संदेहजनक ; आप

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हिमाचल में विपक्ष की [भी]  ख़ामोशी की भूमिका संदेहजनक ; आप
शिमला/चंडीगढ़ ;– 16 सितम्बर ; आरके शर्मा विक्रांत /करण शर्मा ;—-
आम आदमी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश ने अदानी ग्रुप  जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चहेते को 280 करोड़ की अपफ्रंट मनी को वीरभद्र की केबिनेट द्वारा वापिस करने के निर्णय पर विपक्ष के नेता प्रो0 प्रेम कुमार धूमल की चुप्पी पर हैरानी जताई है। प्रदेश प्रवक्ता ई0 सुभाष चन्द्र ने पूछा कि क्या वीरभद्र और धूमल किसके मुख्यमंत्री हैं उ़़द्योगपतियों के या  जनता के ! इस पूरे मामले पर विपक्ष के नेता के मुंह पर क्यों ताला लगा है।
आम आदमी पार्टी द्वारा इस मामले को महामहिम गवर्नर हिमाचल प्रदेश के संज्ञान में हाल ही में लाया गया  है। यह इतना गम्भीर मामला है कि विपक्ष की चुप्पी भी संदेह प्रद संकेत दे रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सरकार ये पहले कह चुकी है कि उसने कभी अदानी ग्रुप  से अपफ्रंट मनी ली ही नही है और सरकार इस अपफ्रंट मनी को जब्त करने जा रही हैं ! और ब्रेकल कंम्पनी की वजह से जो सरकार को नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई भी की जाएगी। यह भरपाई लगभग 2713 करोड़ की बनती है। जो कि ब्रकेल कम्पनी से सरकार को लेनी चाहिए थी।
सरकार की मेहरबानी देखिये, रिकवरी तो की नही उल्टे 980 मेगावाट के प्राजेक्ट को अब रिलांयस इंफ्रास्ट्रक्चर को देने का फैसला कर लिया है। सरकार को अब मजबूर देखकर पर्यावरण से जुड़ी स्वीकृतीयां भी सरकार उनको लेकर दे यह शर्तें अब रिलायंस कम्पनी जोड़ रही है।
प्रदेश प्रवक्ता ई0 सुभाष चन्द्र ने कहा कि प्रदेश सरकार इतनी जल्दी में क्यों है जो अदानी पर इतना मेहरबान हो रही है। कहंा तो सरकार को अपफ्रंट मनी को फोरफीट करना चाहिए था और ब्रकेल कम्पनी से 2713 करोड़ के डैमेजिज वसूलने चाहिये थे। इस जंगी थोपन 480 मेगावाट और 480 मेगावाट थोपन पबारी पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इन्तजार किये बगैर अबांनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को देने का फैसला क्यों ले लिया। जिस केबनेैट मीटिंग में यह फैसला लिया गया उसमंे तीन मत्री भी गैर हाजिर थे। प्रवक्ता ने कहा कि इससे पूरी सरकार संदेह के घेरे में आ गई है। आम आदमी पार्टी प्रदेश सरकार से आग्रह करती है कि  इस 6000 करोड़ के प्रोजैक्ट के Global Tender दुबारा से लगाएं और अपफ्रंट मनी को जब्त करके, 2713 करोड़  के डैमेजिज ब्रकेल कम्पनी से वसूले सरकार ऐसा नहीं करती तो प्रदेश की जनता समझ जाएगी कि वीरभद्र और धूमल उ़द्योगपतियों के हितैशी हैं ओैर जनता के हितों का इनसे दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।

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