राष्ट्रव्यापी भारत बंद का सोलन में सूपंर्ण असर सरकारी और निजी बसें, आॅटो न चलने से लोगों को हुई परेशानी बैंक और एलआईसी प्रतिष्ठान रहे पूर्णतः बंद

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सोलन 2 सितम्बर( धर्मपाल ठाकुर) केन्द्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर आयोजित राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आज सोलन में खूब असर दिखा। जिला में पथ परिहवन की बसों के साथ निजी बसें, स्कूल बसें, टेक्सियां और थ्री व्हीलर के न चलने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बंद में श्रमिक संगठनों के साथ बैंक, भारतीय जीवन बीमा, केन्द्रीय विभागों के संगठनों तथा उद्योग श्रमिकों सहित हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
सोलन जिला मुख्यालय में आयोजित विशाल रैली का नेतृत्व एटक के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने किया
राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान एटक, इंटक, सीटू से सम्बन्धित श्रमिक संगठनों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जम कर गुस्सा निकाला। शहर के विभिन्न भागों, बाईपास सोलन, चंबाघाट, शामती से शुरू हुई सभी रैलियां उपायुक्त कार्यालय में आकर इकटठा हुई। इसके बाद यह रैली गंज बाजार सोलन में जाकर जनसभा में तबदील हो गई।
श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार विकास के लिए कड़े कदम उठाने का वायदा कर देश के प्राकृति संसाधनों को देशी और विदेशी उद्योगपतियों पर लुटाने पर उतारू है। उन्होंने, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि श्रमिकों और आम जन के लिए इस एक वर्ष के दौरान सरकार ने कुछ नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि जनता से किया गया एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ। जबकि देश आर्थिक मंदी और मंहगाई से परेशान है। अदानी, अंबानी, टाटा और अन्य देशी और विदेशी उद्योगपतियों की संपति एक वर्ष में अरबों-खरबों हो चुकी है जबकि आम जनता मंहगाई, बेरोजगारी से बुरी तरह से बेहाल है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जो भी वायदे आम लोगों से करती है उसके उलटा उनके हकों पर डाका डालती है। इसी लिए मजदूर वर्ग इस सरकार को उखाड़ने का संकल्प लेता है।
श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों ने श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 15 हजार रुपये प्रति माह निर्धारित करने, ठेकेदारी और आउटसोर्सिंग जैसी प्रथा को समाप्त करने की मांग की। स्थायी रोजगार देने सड़क सुरक्षा विधेयक को वापिस लेने, भूमि अधिग्रहण 2013 विधेयक पूरी तरह बहाल करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों को किसी भी हालत में बदलने नहीं दिया जाएगा।
एटक के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कारपोरेट घरानों के पक्ष में कानून बदलने की बात मोदी सरकार कर रही, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए चाहे श्रमिकों को कोई भी बलिदान देना पड़े। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपतियों की एक साल में आय कई करोड़ हो जाती है जबकि मजदूर को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हजारों मीटर थान कपड़ा बुनने वाले मजदूर को आज अपने परिवार के तन ढकने के लिए दो मीटर कपड़ा नसीब नहीं हो रहा है। मंहगाई बढ़ गई है जबकि मोदी सरकार ने मंहगाई को कम करने की बात की थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यापारीकरण होने से आम आदमी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहा है जिससे समाज में असंतुलन पैदा होगा।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव शशी पंडित ने कहा कि मजदूरों के आंदोलन को भाकपा ने पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की जनता का केन्द्र और राज्य सकार के प्रति भारी गुस्सा है। उन्होंने कहा कि अगर भगत सिंह आजादी के लिए फांसी के फंदे पर नहीं झूलते तो क्या देश आजाद हो जाता। इसी तरह बड़े बदलावों को लाने के लिए इन परेशानियों से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जन विरोधी नीतियां नहीं बदली तो भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी अन्य वामपंथी पार्टियों और श्रमिक संगठनों के साथ बहुत बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।
सीटू के जिला अध्यक्ष एन.डी. रनोट ने कहा कि श्रम कानूनों को किसी भी हाल में बदलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी और मिड-डे मिल कर्मियों को सरकारी कर्मचारी के श्रेणी में लाया जाना चाहिए।
इंटक के जिला अध्यक्ष सुरजीत राणा ने कहा कि केन्द्र सरकार कारपोरेट घरानों के पक्ष में कानून बनाने का इरादा छोड़ दे वरना इंटक अन्य संगठनों के साथ मिलकर बहुत बड़ा आंदोलन चलाएगी।
बैंक कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि राजेश शाक्या ने कहा कि आज के राष्ट्रव्यापी बंद को बैंक संगठनों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। इसीलिए आज देश के सभी बैंक और एलआईसी प्रतिष्ठान बंद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निजी और विदेशी बैंकों को कारोबार करने के लिए प्रोत्साहन देना आमजन और देशहित में नहीं है।
जनसभा को श्रमिक संगठन प्रतिनिधि इंदु ठाकुर, अनूप शर्मा, अनूप पराशर, सुनीता ठाकुार, अतुल भारद्वाज, रवि गुप्ता, अनिल कुमार, रमेश कुमार, कामरेड गणेशम व अन्य श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों ने भी जनसभा को सम्बोधित किया।