क्रेषर गिट्टी घोटाला: शासन को रोज 11.50 लाख की चपत ।

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ग्वालियर। २३ सितम्बर [सी एन आई ]काले पत्थर व मिट्टी के अवैध उत्खनन व परिवहन से प्रतिदिन लगभग 11.50 लाख की चपत शासन को लगाई जा रही है। इस खेल में डीडी नगर और बिलौआ ने बड़े क्रेषरों पर हो रहे उत्पादन को अनदेखा किया जा रहा है। नगर के एक सीनियर वकील ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त संचालक को षिकायत भेजकर ज्वलंत सवाल उठाये हैं कि जब पर्यावरण की एनओसी नही हैं तो फिर खदानों से पत्थर कैसे निकल रहा है, जिन खदानों से पत्थर निकला है, उसकी मानक के अनुसार माप की गई है या नहीं। काले पत्थर की खदानों से अभी तक जितना पत्थर निकला है, उसकी माप के हिसाब से राॅयल्टी शासन के खाते में गई है या नहीं। बिजली की अभी तक प्रतियूनिट खपत और क्रेषर्स की संख्या के हिसाब से प्रति यूनिट खपत पर कितनी गिट्टी का उत्पादन हुआ है। उसके हिसाब से राॅयल्टी निकाली जाये तो सच सामने आयेगा। खदान माफिया ने माइनिंग विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर एनओसी के आवेदन लगाकर करोड़ों क्यूबिक मीटर पत्थर निकाल लिया है। प्रतिदिन लगभग एक लाख क्यूबिक मीटर गिट्टी का उत्पादन का सोर्स माइनिंग विभाग नहीं ढूंढ़ पाया है। पूरी गिट्टी, डम्फर और हाइवा में ओवरलोड भरने के साथ परिवहन खुलेआम हो रहा है और माइनिंग विभाग अधिकारी चुप्पी साधे हुये हैं।