पीरों फकीरों संतों महादेवों ने मानवता को विघटित होने से बचाया ; हरदेव महाराज
चंडीगढ़ /नईदिल्ली ; करण शर्मा /एनके धीमान /आरके शर्मा ;— गुरु-पीर-पैगम्बरों ने सदैव दीवारों रहित विश्व की स्थापना हेतु प्रयास किए हैं एवं प्रेम-विनम्रता, सहनशीलता, भाईचारे वाली शिक्षायें ही मानव समाज को प्रदान की है | भगवान राम जी, भगवान कृष्ण जी, हज़रत मोहम्मद साहब, हज़रत ईसा मसीह, श्री गुरु नानक देव जी महाराज ने हरगिज नहीं चाहा कि मानवता को विघटित किया जाए एवं नफ़रत की दीवारों द्वारा बांटा जाए और एक दूसरे के प्रति मानव का नज़रिया तंग एवं नकारात्मक हो |
संत निरंकारी मंडल चंडीगढ ब्रांच के संयोजक श्री मोहिन्द्र सिंह जी ने बताया कि उक्त उद्गार सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 68वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के प्रथम दिवस के खुले सत्र में देर रात देश के सभी प्रान्तों से पधारे लाखों श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभु प्रेमियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए| सन्त समागम में दूर देशों से हजारों की संख्या में प्रतिनिधि सम्मिलित हुए हैं |
बाबा जी ने प्रश्न करते हुए कहा कि जिन पीर-पैगम्बरों में हमारी आस्था है, श्रद्धा है उनकी शिक्षाओं को मानने वाले क्यूं जुल्म, तकरार एवं नफ़रत फैलाकर धरती एवं मानवता को लहू लुहान कर रहे हैं? दावे तो बड़े बड़े किए जा रहे हैं | दशक ही क्या सदियां गुजर गई परन्तु नफ़रत घृणा कम होने के बजाए घिनौना रुप धारण कर रही हैं |
निरंकारी बाबा जी ने कहा कि सोचा तो यह गया था कि विकास और तकनिकी के कारण मानव की सोच और खयालों में सकारात्मक बदलाव आयेगा परन्तु इसका व्यवहार विपरीत ही नज़र आता है | प्रेम के स्थान पर नफ़रत के बीज बोये जा रहे हैं | मुद्दे बना कर धरती को रक्तरंजित किया जा रहा है |आज नफ़रत और घृणा का ज्वलंत उदाहरण पैरिस का नरसंहार हम सबके सामने है | परन्तु सन्तों का हमेशा यही सन्देश रहा है कि हम ऐसे नफ़रत एवं घृणा के भावों को तज दें | आज सन्त समागम के अवसर पर भी सभी वक्ताओं, कवियों व गीतकारों के विचार समागम के मुख्य विषय “दीवारों रहित विश्व” पर केन्द्रित रहे |
बाबा जी ने कहा कि इन्सान नफ़रत के भाव को तज दे क्योंकि इन्सान का इन्सान होना इसी पर निर्भर है| जैसे कहा गया है कि नफ़रत का भाव ज्यों ज्यों कम होता गया, त्यों त्यों मैं इन्सां होता गया | जब तक मैं नफ़रत के भाव से युक्त था मैंने इन्सान होने की पहचान ही खो दी थी | नफ़रत के दामन को छोड़ कर प्रेम के दामन को पकड़ना होगा ताकि इन्सान की चाल सही अर्थों में धार्मिक एवं इन्सान वाली हो सके | प्रत्येक इन्सान धर्म के मूल अर्थ को जान कर सही दिशा की ओर अग्रसर हो सके | इसलिए समय रहते ही इन्सान को जागरुक होना होगा क्योंकि इन्सान की यात्रा तो ठहर सकती है परन्तु समय की रफ्तार कम नहीं होती |
बाबा जी ने कहा कि संत जन इन्सान की सोच को मोड़ कर सही दिशा प्रदान करते हैं | क्योंकि इन्सान को सही मार्गदर्शन प्राप्त हो जाता है तो वह सही इन्सान बन जाता है और मोक्ष एवं मुक्ति का अधिकारी बन जाता है |यदि हम चाहते हैं कि देश व विश्व विकास की ऊंचाईयों को छूएं और सभी राहत की सांस ले सकें तो नफ़रत से निजात पानी होगी |
बाबा जी ने दिल्ली के मुख्य मंत्री माननीय श्री केजरीवाल जी की बात का उल्लेख करते हुए बताया कि आज मिशन जो समाज को देन दे रहा है ऐसी सोच एवं सिद्धान्तों को अपनाने की आवश्यकता है | मिशन के द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों के बारे में बताते हुए बाबा जी ने कहा कि मिशन द्वारा बहुत सी सामाजिक सेवायें निरंतर की जा रही है | कई देशों ने इन सामाजिक सेवाओं के लिए मिशन की सराहना की है जैसे आस्ट्रेलिया, न्यूज़िलैन्ड आदि| हाल ही में यू.के.में मिशन को कम्युनिटी सर्वीसेस के लिए क्वीन्स गोल्डन जुबली ॲवॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया |
सेवादल रैली:
आज सन्त समागम का शुभारम्भ एक भव्य सेवादल रैली से हुआ जिसमें हजारों की संख्या में सेवादल के बहनों और भाईयों ने अपनी अपनी वर्दियों में भाग लिया | सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के आशीर्वादों की कामना करते हुए मानवता की सेवा के लिए स्वयं को पुन:समर्पित करने का संकल्प लिया | इस रैली में दूर देशों के कई सेवादल प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया | यहां मानवता की निस्वार्थ सेवा ईश्वर भक्ति को अभिव्यक्त करने का उत्तम माध्यम है |
इस अवसर पर शारिरीक व्यायाम, खेलों एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति द्वारा निस्वार्थ सेवा के भाव को अभिव्यक्त किया गया | इसमें “दीवारों रहित विश्व”, “सेवादल में सद्भाव”, विश्व-बन्धुत्व और “बंटी हुई मानवता को शान्तिपूर्वक पुलों से जोड़ना” आदि विषयों को उजागर किया गया |
सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने अपने आशीर्वचनों में सेवादल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिन-प्रतिदिन मिशन का प्रचार-प्रसार बढ़ता जा रहा है और श्रद्धालु भक्तों के परिवार का भी विस्तार होता जा रहा है इसलिए सेवादल की सेवाओं की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है | सन्त निरंकारी मण्डल की शाखाओं के अनुसार सेवादल युनिटों की संख्या भी बढ़ रही है |
बाबा जी ने कहा कि सेवादल के सदस्यों के प्रशिक्षण पर विशेष बल दिया जाता है ताकि हर स्तर पर सेवा सुंदर ढंग से हो सके | उन्हें मिशन के सिद्धान्तों एवं विचारधारा से अवगत कराया जाता है जिससे वे मर्यादा एवं अनुशासनबद्ध होकर सेवा कर सकें | इससे उनके विचार शुद्ध होने के साथ साथ अपने कार्यों के प्रति जागरुकता प्राप्त होती है |
सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने कहा कि सेवादल के समर्पित भाव के कारण उन्हें हर जगह प्रशंसा व सराहना प्राप्त हो रही है | यह बिना तप-त्याग के सम्भव नहीं | सभी सेवादल के सदस्य अपने व्यवसाय, पारिवारीक एवं सामाजिक जिम्मदारियों को निभाते हैं और मिशन, समाज एवं राष्ट्र को जब भी उनकी आवश्यकता होती है, वे सेवा के लिए तत्पर रहते हैं |
इस अवसर पर सेवादल के मेंबर इन्चार्ज श्री वी.डी.नागपाल जी ने सेवादल के भाई-बहनों के लिए आशीर्वादों की कामना करते हुए कहा कि वे इसी प्रकार समर्पित एवं अनुशासित ढंग से अभिमान रहित होकर अपनी सेवाओं का निर्वहन करते रहें |
—————————————————