लुधियाना 23 नवम्बर (सी एन आई ) श्री प्रेम धाम में गुरुदेव मुकेशानंद जी महाराज के सान्धिय में वीरवार को साप्ताहित सत्संग का आयोजन किया गया। गणेश वंदना के उपरांत पिछले दिनों लुधियाना स्थित सूफियां चौंक के समीप फैक्टरी में हुए अग्निकांड में हुई मानवीय क्षति पर शोक व्यक्त करते हुए उपस्थित जनसमूह ने सामूहिक तौर पर मृतकों काी आत्मिक शांति की प्रार्थना परम पिता परमात्मा के चरणों में की। गुरुदेव मुकेशानंद जी ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मानवता की भलाई में कार्यरत एक दर्जन से ज्यादा लोगो ने अपनी जान गंवा दी। अज्ञानता वश समाज में फैलते अंधविश्वास से सुचेत करते हुए उन्होने आत्मज्ञान को ज्योतिस्वरूप बताते हुए कहा है । ज्ञान का प्रकाश मनुष्य के समस्त प्रकार के बंधनों, अंधविश्वासों व कुसंस्कारों को मिटा देता है। अंधविश्वासों इंसान को इतना अकर्मण्य बना दिया कि हमने आत्मा की ज्योति जलाने के पुरुषार्थ को विस्मृत कर दिया। जिस ज्ञान की खोज में तुम दूसरे का सहारा लेना चाहते हो, जिस ज्ञान को तुम बाहर के उजालों में ढूंढना चाहते हो, वह तुम्हें अपने भीतर की अतल गहराइयों में मिलेगा। आत्मज्ञान रूपी दीपक को प्रज्ज्वलित करने के लिए पुरुषार्थी बनना पड़ता है। पुरुषार्थ दो शब्दों से मिलकर बना है. पुरुष तथा अर्थ। पुरुष यानि विवेकशील प्राणी और अर्थ का भावार्थ है लक्ष्य। विवेकशील प्राणी का लक्ष्य होता है आत्म-अनुशासन और इंद्रिय-संयम द्वारा आत्मज्ञान को जागृत करना। उस प्रकाश से अपनी जीवन-यात्रा को सार्थक बनाना। श्री प्रेम धाम ट्रस्ट सदस्यों की तरफ से सामूहिक आरती के साथ सत्संग को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर बाबा गोपाल दास,बाबा दीपक,मनमोहन मित्तल,नरिंदर गुप्ता,सुदेश गोयल,रवि गोयल,प्रेम सिंगला,राजिंदर मिगलानी,विनोद गोयल,सुमित गोयल,अनिल धमीजा,रमेश बांसल,अशोक गर्ग,अजय गुप्ता,डॉ.सुखविंदर सिंह,डॉ.राजीव परुथी,राजीव शर्मा,रूबी ठाकुर,मनोज शर्मा,डॉ.नवजोत पुरी,दीपक वर्मा,लवनीश गुलाटी,वरुण खुराना इत्यादि उपस्थित थे
लुधियाना 23 नवम्बर (सी एन आई ) श्री प्रेम धाम में गुरुदेव मुकेशानंद जी महाराज के सान्धिय में वीरवार को साप्ताहित सत्संग का आयोजन किया गया। गणेश वंदना के उपरांत पिछले दिनों लुधियाना स्थित सूफियां चौंक के समीप फैक्टरी में हुए अग्निकांड में हुई मानवीय क्षति पर शोक व्यक्त करते हुए उपस्थित जनसमूह ने सामूहिक तौर पर मृतकों काी आत्मिक शांति की प्रार्थना परम पिता परमात्मा के चरणों में की। गुरुदेव मुकेशानंद जी ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मानवता की भलाई में कार्यरत एक दर्जन से ज्यादा लोगो ने अपनी जान गंवा दी। अज्ञानता वश समाज में फैलते अंधविश्वास से सुचेत करते हुए उन्होने आत्मज्ञान को ज्योतिस्वरूप बताते हुए कहा है । ज्ञान का प्रकाश मनुष्य के समस्त प्रकार के बंधनों, अंधविश्वासों व कुसंस्कारों को मिटा देता है। अंधविश्वासों इंसान को इतना अकर्मण्य बना दिया कि हमने आत्मा की ज्योति जलाने के पुरुषार्थ को विस्मृत कर दिया। जिस ज्ञान की खोज में तुम दूसरे का सहारा लेना चाहते हो, जिस ज्ञान को तुम बाहर के उजालों में ढूंढना चाहते हो, वह तुम्हें अपने भीतर की अतल गहराइयों में मिलेगा। आत्मज्ञान रूपी दीपक को प्रज्ज्वलित करने के लिए पुरुषार्थी बनना पड़ता है। पुरुषार्थ दो शब्दों से मिलकर बना है. पुरुष तथा अर्थ। पुरुष यानि विवेकशील प्राणी और अर्थ का भावार्थ है लक्ष्य। विवेकशील प्राणी का लक्ष्य होता है आत्म-अनुशासन और इंद्रिय-संयम द्वारा आत्मज्ञान को जागृत करना। उस प्रकाश से अपनी जीवन-यात्रा को सार्थक बनाना। श्री प्रेम धाम ट्रस्ट सदस्यों की तरफ से सामूहिक आरती के साथ सत्संग को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर बाबा गोपाल दास,बाबा दीपक,मनमोहन मित्तल,नरिंदर गुप्ता,सुदेश गोयल,रवि गोयल,प्रेम सिंगला,राजिंदर मिगलानी,विनोद गोयल,सुमित गोयल,अनिल धमीजा,रमेश बांसल,अशोक गर्ग,अजय गुप्ता,डॉ.सुखविंदर सिंह,डॉ.राजीव परुथी,राजीव शर्मा,रूबी ठाकुर,मनोज शर्मा,डॉ.नवजोत पुरी,दीपक वर्मा,लवनीश गुलाटी,वरुण खुराना इत्यादि उपस्थित थे