कृषि सम्बन्धी जानकारी देने के लिए एफएम कम्यूनिटी रेडियो का शुभारम्भ

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  16 सितम्बर (सोलन) – डा. एम.पी.सूद ने इस अवसर पर किसानों-बागवानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान को अन्नदाता भी कहा जाता है और किसान तपती धूप और बरसात में अपने खेतों में पसीना बहाकर देश के अन्न भंडारण को भरने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। किसानों को इस दौरान कई प्रकार की समस्याओं से जूझना भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में किसान आधुनिक ढंग से कृषि कर रहे हैं जिससे उनका उत्पादन तो बढ़ रहा है और साथ में उनकी आर्थिकी भी मजबूत हो रही है।
डॉ. सूद ने कहा कि प्रदेश में यह एकमात्र कम्यूनिटी एफएम रेडियो है जो कि किसानों-बागवानों के लिए कृषि सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध करवाता है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा प्रसारण के लिए विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया गया है जो कि सराहनीय है। किसानों-बागवानों तथा पशुपालकों की कोई भी समस्या हो तो विशेषज्ञ से बात कर वे अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों-बागवानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की गई हैं जिनमें विशेषकर जैविक खेती को बढ़ावा देना, पालीहाऊस, सिंचाई सुविधा के लिए दी जा रही योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के माध्यम से आत्मा परियोजना भी आरम्भ की गई है जिसका किसानों को लाभ उठाना चाहिए।
डॉ.वाई.एस.परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ. विजय सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि एमएस पंवार इंस्टीच्यूट आफ कम्युनिकेशन के सामुदायिक रेडियो द्वारा किसानों को जानकारी उपलब्ध करवाने का प्रयास सराहनीय है तथा किसानों को इसके माध्यम से खेती में उन्नत बीज तथा खाद और मौसम आधारित फसलों के उगाने के सम्बन्ध में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी अवकाश के पश्चात् सामुदायिक रेडियो द्वारा कृषि सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए रिकार्डिंग करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिकों के दूरभाष नम्बर पर सम्पर्क करके भी जानकारी हासिल की जा सकती है।
प्रो.डॉ.कर्ण सिंह वर्मा ने कहा कि सामुदायिक रेडियो की यह सुविधा प्रतिदिन साढ़े बारह घण्टे उपलब्ध करवाई जा रही है जिसमें मनोरंजन, किसानों-बागवानों, महिलाओं तथा युवाओं के लिए कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह सुविधा सोलन, सिरमौर, शिमला तथा बिलासपुर जिलों के कुछ क्षेत्रों तक उपलब्ध है। यह सुविधा सामुदायकि रेडियो के एफएम चैनल 90.4 पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यहां से किसान मधुमक्खी पालन, जैविक खेती, फूलों की खेती, गुठलीदार फलों की खेती, आचार-चटनी-मुरब्बा बनाने की विधि, औषधीय पौधों की खेती, अदरक की खेती, मृद्धा स्वास्थ्य कार्ड तथा हानिकारक कीडों से फसलों को कैसे बचाना है के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।
संस्थान के प्रबन्ध निदेशक बी.एस.पंवार ने कहा कि संस्थान ने किसानों के लिए ‘आओ चले खेतों की ओर’ श्रृंखला तैयार की है, जिसकी अभी तक 50-50 मिनट की 32 रिकार्डिंग हो चुकी है। इस प्रकार से 64 ऐपिसोड तैयार कर लिए गए हैं जिन्हें किसानों और बागवानों को दिन में 1 से 1.30 बजे तथा सांय 6 से 6.30 बजे प्रसारित किया जाता है। किसान अपनी समस्यों के लिए विशेषज्ञ से प्रश्न भी पूछ सकते हैं तथा समस्याओं का समाधान हासिल कर सकते हैं।
 संस्थान की प्रतिनिधि ललिता पंवार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और संस्थान में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी।
इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के उपनिदेशक एमआर शर्मा, एच.एस.ठाकुर, डॉ.आर.सी.शर्मा, डा.एन.एस.चौहान तथा सी.एस.वर्मा के अलावा क्षेत्र के किसानों ने भाग लिया।
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