डा0 राधाकृष्णन एक महान दार्षनिक, विद्वान और शिक्षाविद थे-डा0 एम् पी सूद , सम्मानित किए राजगढ़ के 108 वर्षीय माठाराम

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नाहन – 4 सितंबर (धर्मपाल ठाकुर) हिमोत्कर्ष साहित्य संस्कृति एंव जन कल्याण परिषद की पांवटा इकाई द्वारा आज षिक्षक दिवस एवीएन रिर्जाट के सभागार में बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसका षुभारंभ निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हिमाचल प्रदेश डा0 एमपी सूद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर संस्था की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 20 महानुभावों को सम्मानित किया गया, जिसमें चार व्यक्तियों को हिमाचल श्री, पांच व्यक्यिों को सिरमौर श्री और 11 व्यक्यिों को विद्या विषारद पुरस्कार से नवाजा गया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए डा0 सूद ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति डा0 राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सर्वपल्ली डा0 राधाकृष्णन एक महान दार्षनिक, उच्चकोटि के विद्वान, प्रषासक और षिक्षाविद थे, जिन्होने अपना सर्वस्व जीवन समाज सेवा और षिक्षा सुधार के लिए अर्पित किया। उन्होने षिक्षकों का आहवान किया कि डा0 राधाकृष्णन के आदर्षों व नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में अपनाए, जोकि उनके प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होने कहा कि गुरू षिष्य परम्परा आदिकाल से प्रचलित है और जहां षिक्षकों को भी निःस्वार्थ भाव से अपने दायित्व का निवर्हन किया जाना चाहिए वहीं पर बच्चों का भी नैतिक कर्तव्य बन जाता है कि वह अपने गुरूओं का सम्मान करना चाहिए।
डा0 सूद ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि हिमोत्कर्ष संस्था की पांवटा षाखा द्वारा विगत 18 वर्षों से षिक्षक दिवस पर प्रदेष में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कार से विभूषित किया जा रहा है, जिससे समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है। उन्होने कहा कि समाज सेवा एक पुनीत कार्य है और हर व्यक्ति को अपने बहुमूल्य जीवन से कुछ समय समाज में रहने वाले गरीब एवं जरूरतमंद लोगों सेवा के लिए अर्पित करना चाहिए।
हिमोत्कर्ष के प्रदेष अध्यक्ष कुंवर हरि सिंह ने कहा कि हिमोत्कर्ष संस्था वर्ष 1974 में अस्तित्व में आई और विगत 41 वर्षों के दौरान संस्था द्वारा सामाजिक गतिविधियों में बढ़कर भाग लेकर गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा और सहायता की गई। उन्होने बताया कि संस्था द्वारा हर वर्ष 10 लाख रूपये की राषि मेधावी बच्चों को छात्रवृति प्रदान करने पर व्यय की जा रही है।
इस अवसर पर एसडीएम पांवटा एचएस राणा, ठाकुर यषपाल और षमषेर सिंह राणा ने भी षिक्षक दिवस पर डा0 राधाकृष्णन की जीवनी पर प्रकाष डाला।
हिमोत्कर्ष संस्था की पांवटा षाखा के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और संस्था द्वारा की जा रही विभिन्न सामाजिक गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर हिमाचल श्री पुरस्कार से नाहन के वरिष्ठ पत्रकार स्वराज चौहान को पत्रकारिता के क्षेत्र में, डा0 एसआर चौहान को स्वास्थ्य क्षेत्र में, सतीष गोयल को समाज सेवा और प्रसिद्ध लोक कलाकार जियालाल को कला और संस्कृति के सरंक्षण के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए हिमाचल श्री पुरस्कार से नवाजा गया।
इसी प्रकार सिरमौर श्री पुरस्कार से पांच विभूतियों को पुरस्कृत किया गया, जिसमें राजगढ़ तहसील के धार-भगेड़ा गांव के 108 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक माठाराम, स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए डा0 षरद गुप्ता, लोकसेवा के लिए उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारी अनिल अग्रवाल, जनसेवा के लिए हैड कांस्टेबल धर्मसिंह और संगीत के क्षेत्र में छः वर्षीय मास्टर सार्थक को सिरमौर पुरस्कृत किया गया।
इसके अतिरिक्त विद्या विषारद पुरस्कार से 11 षिक्षकों रविन्द्र गुप्ता, दलीप ठाकुर, श्रीमती कान्ता षर्मा,राजेन्द्र सिंह, श्रीमती इन्दुपाल, सुरेन्द्र लखनपाल,संजय अत्री, श्रीमती गितिका राय, रामचन्द्र षास्त्री, श्रीमती स्वर्ण लता और अजय गुप्ता को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डीएसपी भीष्म ठाकुर, गीताराम ठाकुर अध्यक्ष एपीएमसी सिरमौर, संस्था के उपाध्यक्ष हीरा सिंह ठाकुर, जयप्रकाश चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।