तरपाल और पल्लियो के सहारे ठंड में पल रहा देश का भविष्य ,आखिर 400 बच्चो की ज़िंदगी का ज़िम्मेदार कोन ?

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फरीदकोट 10 दिसम्बर (राकेश शर्मा) आदर्श स्कूल के बच्चों औरअध्यापको ने पंजाब सरकार आगे बेहतर सुविधाओ के लिए लगाई गुहार। दिसंबर महीने के शुरू से पड़ रही धुंध और ठंड कारण विधार्थी और अध्यापक हुए चिंतित। एक तरफ़ सरकार शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नये नये स्कूल और कालेज बनाने के यत्न कर रही है परन्तु दूसरे तरफ़ पहले से बनायीं गई स्कूलों की बिल्डिंगों की दयनीय हालत सरकार के दावों की पोल खोल रही है जिस की ताज़ा मिसाल फरीदकोट के गाँव मिड्डूमान में पिछले समय बनाए गए अदर्श स्कूल में देखने को मिल रही है, अदर्श स्कूल चलाने का पंजाब के मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल का सपना था जो चकनांचूर हो कर रह गया है। यह स्कूल पंजाब सरकार और पब्लिक इन्नटरस्ट पार्टनर की मदद के साथ चलाए गए है। अदर्श स्कूलो का मुखय मकसद गावो के बच्चे को सी.बी.ऐस.ई. शिक्षा देना है ताकि शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाया जा सके परन्तु फरीदकोट के मिड्डूमान गाँव में चल रहे आदर्श स्कूल जिस में ५०० के करीब बच्चे पढ़ रहे परन्तु स्कूल की नाम\ ही चारदीवारी न कोई कमरे हैं जो कमरे हैं वह बिल्कुल खुले (ओपन) हैं जिन को स्कूली विद्यार्थियों और अध्यापकों की तरफ से पल्लियो और तरपालें लगा कर ठंड से बचने के लिए कवर किया गया है दिसंबर महीनो के शुरू से पड़ रही धुंध और ठंड कारण विद्यार्थियों और अध्यापकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है कि इस बार किस तरह ठंड से बचाव् किया जाये आदर्श स्कूल के बच्चे पिछले पाँच साल से यह मार बरदाश्त कर रहे हैं. अब तक किसी भी राजनैतिक पार्टी या प्रशासन ने और न ही सरकार ने आदरस स्कूल के बच्चों और अध्यपकों की सार के लिए कोई कदम उठाया है। परन्तु बच्चे अपना भविष्य दाव पर लगा कर पढ़ाई कर रहे है। यह बिलडिंग पंजाब सरकार ने आदरस स्कूल के लिए बनाई थी,यहाँ स्कूल तो शुरू हो गया और पढ़ने के लिए बच्चे भी आए परन्तु शायद सरकार इस स्कूल की बिलडिंग को पूरा करना भूल गई लगती है तो ही यहाँ स्कूल में ना ही कोई खिड़की है और ना ही कोई दरवाज़ा है और अगर बात करें बच्चो के लिए पीने के पानी के प्रबंध की तो वह भी ना के बराबर ही है इस बिलडिंग की कोई बाउंडरी नहीं है
बाईट -टीचर

इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए स्कूल के बच्चों ने बताया क्या हमारे स्कूल में कोई सुविधा नहीं है हम ठंड से बचने के लिए पल्लियो और तरपालें लगा कर गुज़ारा कर रहे हैं हमारा कोई भविष्य नहीं है हम सरकार आगे विनती करते हैं कि हमारे बारे सोचे
बाईट स्कूली छात्रा और विद्यारथियां

वि ओ-इस सम्बन्धित जब फरीदकोट के डिप्टी आएंगे कमिशनर मालविन्दर सिंह जगी के साथ बातचीत की तो उन कहा कि उनके ध्यान में नहीं था परन्तु अब आ गया है वह इस सम्बन्धित डी ओ के साथ बातचीत करके ड्यूटी लगाएंगे

मालविन्दर सिंघ डिप्टी कमिशनर फरीदकोट)

इस मौके अपने निजी दौरे पर फरीदकोट पहुँचे डिप्टी सी एम सुखबीर सिंह बादल के साथ बात की तो उनहोने कहा कि इस बारे मैं फरीदकोट में जल्द ही संगत दर्शन करन के लिए आ रहे है
बाईट सुखबीर सिंह बादल ( डिप्टी सी एम पंजाब)

पिछले पाँच सालों से ठंड में तरपालें लगा कर गुज़ारा कर रहे इन स्कूली बच्चों की तरफ कब कोई ध्यान दिया जायेगा या फिर इस बार ठंड में पल्लियो लगा कर गुज़ारा करना पड़ेगा अब देखना यह होगा कि कब तक सरकार ध्यान देगी या फिर इस तरह ही बच्चे ज़िंदगी दाव पर लगा कर पढ़ाई करते रहेंगे।