राधे माँ के परिवार वाले किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने को नहीं तैयार

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मुकेरियां 7 अगस्त (प्रेम ) मुकेरियां श्रद्धालु के लिए राधे माँ की पहचान रखने वाली माता जी पंजाब के जिला गुरदासपुर के गांव दोरांगला की रहने वाली है और राधे माँ से पहले का उसका नाम था सुखविंदर कौर यहाँ सुखविंदर कौर गांव दोरंगला में ही पली बड़ी और उसके बाद परिवार ने उसकी शादी पंजाब के ही शहर मुकेरियां में कर दी और शादी के कुछ समय बाद वहां मुकेरियां में ही बने एक मन्दिर से शुरू हुआ सुखविंदर कौर का राधे माँ का सफ़र ,और कुछ ही सालो में एक छोटे से शहर मुकेरियां से राधे माँ पहुंच गयी मुम्बई और अब पुरे देश में बड़े बड़े घराने के लोग राजनेता इस माँ को नतमस्तक होते है । गुरदासपुर के गांव दोरंगला यहाँ राधे माँ का मायके है वहां उसकी माँ भाई भाभी और परिवार के सभी लोग रह रहे है । विवादों में रहने की वजह से सुखविंदरकौर उर्फ़ राधे माँ के परिवार वाले किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं है और गांव के लोग तो सुखविंदर कौर को अब गांव की ही माँ मान रहे है और गांव के लोगो के लिये वह सच की माँ है और कोई भी गांव वासी उसके खिलाफ न तो कुछ सुनने को तैयार है और न ही बोलने को राजी है । वहीँ राधे माँ का अपने मायके के साथ पूरा लगाव है और यही नहीं गांव में राधे माँ की तरफ से मंदिर भी बनवाया गया है । वहीँ गांव का ही एक नौजवान जिसका कहना है की राधे माँ ने शूरू से शिक्षा यही गुरदासपुर के स्कूल और क्लाज में ली है और वह उसका क्लास मेट था और इस नौजवान ने बताया की सुखविंदर कौर शूरू से ही एक धार्मिक ख़यालो की थी और वह अब वह राधे माँ के रूप में लोगो को सही रास्ता दिखला रही है और बुरे कामो से दूर कर धर्म के साथ जोड़ रही है ।