लुधियाना 20 नवम्बर ( सी एन आई ) श्री प्रेम धाम संकीर्तन परिवार की तरफ से मां भगवती की मासिक चौंकी का आयोजन स्थानीय जस्सीयां रोड स्थित अशोक गर्ग के निवास पर किया गया।सर्वप्रथम पंडित सोहन लाल ने विधिवत मंत्रोचारण के साथ माता रानी की पावन ज्योति का प्रकाश करवाया। गुरुदेव मुकेशानंद गिरी जी महाराज के सान्धिय में आयोजित चौंकी में भजन गायक कुमार रोहित ने एक के बाद एक प्रस्तुत भजनों भक्ता भवनां वल्ल नूं जादिंया मेरी मैय्या नू आखी जा.., अखियां उडीकदीयां दि वाजा मारदा.., चलो बुलावा आया है…, ओह दिसदा-ओह दिसदा मेरी माई दो भवन हो दिसदा… पर भक्तों ने मां के दरबार की महिमा का वर्णन किया। मुकेशानंद गिरी जी ने चौंकी में उपस्थित भक्तों को मानव जीवन में सत्संग के महत्व से अवगत करवाते हुए कहा कि सत्ंसग रुपी पारस में बैठक लोहा रुपी मानव की बुद्घि निर्मल होने उसमें सोने जैसा निखार आ जाता है। पुरातन ग्रंथो को संस्कारों व संस्कृति का अनमोल खजाना बताते हुए उन्होने कहा कि पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव व आपाधापी भरी जिंदगी में हम और हमारी नई पीढ़ी भटक रही है। इसी भटकन के चलते हम अपनी सभ्यता व संस्कृति से दूर होकर मंदिरों, गुरुद्वारों व मस्जिदों में तो सेवा का दिखावा कर रहें है। मगर जन्म देने वाले माता पिता की सेवा करने ीक बजाए उन्हें बुढ़ापे में वृद्ध आश्रमों की तरफ धकेल कर अपने दायित्व से भाग रहें है। मां की चौंकी में आने का तभी लाभ मिलेगा अगर हम जन्म देने वाली मां व बाप की सेवा करेंगे। अशोक गर्ग की तरफ से मां की आरती के साथ चौंकी को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर बाबा गोपाल दास,बाबा दीपक, राहुल गर्ग,रेनू बाला,मधुर गर्ग,राकेश कुमार,प्रवीन गोयल,कृष्ण मित्तल,बलवंत गर्ग,अनमोल गर्ग,जिम्मी गोयल,भाविक गुप्ता,ललित गर्ग,निपुण गर्ग,सुदेश गोयल,दिनेश अरोड़ा,महेश सिंगला,रूबी ठाकुर,सोनू भल्ला,मनोज शर्मा,सतनाम सिंह इत्यादि उपस्थित थे।
लुधियाना 20 नवम्बर ( सी एन आई ) श्री प्रेम धाम संकीर्तन परिवार की तरफ से मां भगवती की मासिक चौंकी का आयोजन स्थानीय जस्सीयां रोड स्थित अशोक गर्ग के निवास पर किया गया।सर्वप्रथम पंडित सोहन लाल ने विधिवत मंत्रोचारण के साथ माता रानी की पावन ज्योति का प्रकाश करवाया। गुरुदेव मुकेशानंद गिरी जी महाराज के सान्धिय में आयोजित चौंकी में भजन गायक कुमार रोहित ने एक के बाद एक प्रस्तुत भजनों भक्ता भवनां वल्ल नूं जादिंया मेरी मैय्या नू आखी जा.., अखियां उडीकदीयां दि वाजा मारदा.., चलो बुलावा आया है…, ओह दिसदा-ओह दिसदा मेरी माई दो भवन हो दिसदा… पर भक्तों ने मां के दरबार की महिमा का वर्णन किया। मुकेशानंद गिरी जी ने चौंकी में उपस्थित भक्तों को मानव जीवन में सत्संग के महत्व से अवगत करवाते हुए कहा कि सत्ंसग रुपी पारस में बैठक लोहा रुपी मानव की बुद्घि निर्मल होने उसमें सोने जैसा निखार आ जाता है। पुरातन ग्रंथो को संस्कारों व संस्कृति का अनमोल खजाना बताते हुए उन्होने कहा कि पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव व आपाधापी भरी जिंदगी में हम और हमारी नई पीढ़ी भटक रही है। इसी भटकन के चलते हम अपनी सभ्यता व संस्कृति से दूर होकर मंदिरों, गुरुद्वारों व मस्जिदों में तो सेवा का दिखावा कर रहें है। मगर जन्म देने वाले माता पिता की सेवा करने ीक बजाए उन्हें बुढ़ापे में वृद्ध आश्रमों की तरफ धकेल कर अपने दायित्व से भाग रहें है। मां की चौंकी में आने का तभी लाभ मिलेगा अगर हम जन्म देने वाली मां व बाप की सेवा करेंगे। अशोक गर्ग की तरफ से मां की आरती के साथ चौंकी को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर बाबा गोपाल दास,बाबा दीपक, राहुल गर्ग,रेनू बाला,मधुर गर्ग,राकेश कुमार,प्रवीन गोयल,कृष्ण मित्तल,बलवंत गर्ग,अनमोल गर्ग,जिम्मी गोयल,भाविक गुप्ता,ललित गर्ग,निपुण गर्ग,सुदेश गोयल,दिनेश अरोड़ा,महेश सिंगला,रूबी ठाकुर,सोनू भल्ला,मनोज शर्मा,सतनाम सिंह इत्यादि उपस्थित थे।