बरनाला, 8 नवम्बर (अखिलेश बंसल/विपन गुप्ता )हिंदु व सिक्ख दोनों का नाखून-मास का रिश्ता है, जिसे किसी भी कौम में ताकत नहीं कि वो इस रिश्ते को ताड़ सके। यह बात शिव सेना पंजाब के
प्रदेशाध्यक्ष योगराज शर्मा ने कही है। वह आज पार्टी के बरनाला में बनाए गए जिला कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के वक्त सत्ता पर जनहितैषी कहलाने वाली कांग्रेस सरकार थी। साल 1984 से लेकर 10 साल पंजाब के हिन्दु शहीद हुए जबकि दिल्ली में सिक्ख। तत्कालीन शिव सेना के बाल ठाकरे साहिब द्वारा यह कहा गया था था कर यदि मेरे महाराष्ट्र
में हिन्दु व सिक्खों का नुक्सान हुआ होता तो आतंकियों को ऐसा सबक सिखा दिया गया होता कि आतंकी सिर उठाने से पहले 10 हजार बार सोचता। शर्मा ने कहा कि हमारा देश आज़ाद हुआ संविधान लागू हुआ और हिंदुस्तान को बाहरी ताकतों से बचाने के लिए आर्मी की स्थापना हुई। इसी तरा 1966 के दौरान देश की संस्कृति को बचाने व देश की रक्षा करने के लिए शिव सेना का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि सिक्खों को हिंदुओं से अलग करने के लिए राजसी नेताओं ने की किस्म के प्रयास किए लेकिन उनकी इकजुटता इस बात की गवाह है कि उनके परिवार एक हैं उनके कारोबार एक हैं उनके मकान एक हैं, काफी ऐसे परिवार हैं जहां एक बच्चा हिन्दु हैं और दूसरे को अमृत छकाया गया है। चिन्ता व्यक्त करते कहा कि कुछ खालीस्तानी विचारधारा वाले और देशद्रोही किस्म के खुद बने नेताओं ने हमारे भारत को विभाजित करने की ठान रखी है। जिन्हें अमरीका, पाकिस्तान व चीन जैसे देशों की शह प्राप्त है। वो ताकतें हमारे ही देश का खाकर हमारे देश को खऱाब करने लगे हुए हैं। जो हमारे ही
देश में नहीं बल्कि पूरे विश्व में आतंकवाद फैला रहे है।
शिव सेना के प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने दावा किया कि शिव सेना देश सेवा व समाजसेवा में 80 प्रतिशत तथा राजनीती में मात्र 20 फीसदी हिस्सा लेती है। इस मौके पर उनके साथ जि़ला प्रधान मोहित कुमार, सदस्य सुरजीत सिंह कालू, केसर सिंह, भूषण कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे।
बरनाला, 8 नवम्बर (अखिलेश बंसल/विपन गुप्ता )हिंदु व सिक्ख दोनों का नाखून-मास का रिश्ता है, जिसे किसी भी कौम में ताकत नहीं कि वो इस रिश्ते को ताड़ सके। यह बात शिव सेना पंजाब के
प्रदेशाध्यक्ष योगराज शर्मा ने कही है। वह आज पार्टी के बरनाला में बनाए गए जिला कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के वक्त सत्ता पर जनहितैषी कहलाने वाली कांग्रेस सरकार थी। साल 1984 से लेकर 10 साल पंजाब के हिन्दु शहीद हुए जबकि दिल्ली में सिक्ख। तत्कालीन शिव सेना के बाल ठाकरे साहिब द्वारा यह कहा गया था था कर यदि मेरे महाराष्ट्र
में हिन्दु व सिक्खों का नुक्सान हुआ होता तो आतंकियों को ऐसा सबक सिखा दिया गया होता कि आतंकी सिर उठाने से पहले 10 हजार बार सोचता। शर्मा ने कहा कि हमारा देश आज़ाद हुआ संविधान लागू हुआ और हिंदुस्तान को बाहरी ताकतों से बचाने के लिए आर्मी की स्थापना हुई। इसी तरा 1966 के दौरान देश की संस्कृति को बचाने व देश की रक्षा करने के लिए शिव सेना का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि सिक्खों को हिंदुओं से अलग करने के लिए राजसी नेताओं ने की किस्म के प्रयास किए लेकिन उनकी इकजुटता इस बात की गवाह है कि उनके परिवार एक हैं उनके कारोबार एक हैं उनके मकान एक हैं, काफी ऐसे परिवार हैं जहां एक बच्चा हिन्दु हैं और दूसरे को अमृत छकाया गया है। चिन्ता व्यक्त करते कहा कि कुछ खालीस्तानी विचारधारा वाले और देशद्रोही किस्म के खुद बने नेताओं ने हमारे भारत को विभाजित करने की ठान रखी है। जिन्हें अमरीका, पाकिस्तान व चीन जैसे देशों की शह प्राप्त है। वो ताकतें हमारे ही देश का खाकर हमारे देश को खऱाब करने लगे हुए हैं। जो हमारे ही
देश में नहीं बल्कि पूरे विश्व में आतंकवाद फैला रहे है।
शिव सेना के प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने दावा किया कि शिव सेना देश सेवा व समाजसेवा में 80 प्रतिशत तथा राजनीती में मात्र 20 फीसदी हिस्सा लेती है। इस मौके पर उनके साथ जि़ला प्रधान मोहित कुमार, सदस्य सुरजीत सिंह कालू, केसर सिंह, भूषण कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे।